विधानसभा चुनाव में हुई कांग्रेस की जीत के बाद भी कांग्रेस पार्टी में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री के नाम को लेकर घमासान जारी है। मुख्यमंत्री ने को लेकर राहुल गांधी के लिए सिरदर्द बना हुआ है। वही मध्य प्रदेश में चल रही मुख्यमंत्री के नाम के चलते एक नया ट्विस्ट आ गया है। मध्य प्रदेश में जो जंग पहले कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच चल रही थी उसमे एक और तीसरा चेहरा उभर कर आ रहा है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने कल शाम को 30 विधायकों के साथ अलग से बैठक की। इस बैठक का क्या मतलब है। कोई बात सामने नहीं आई है। परन्तु जिस तरह का माहौल चल रह है उसी प्रकार कई अनुमान लगाए जा रहे है। जानकारी के लिए बता दें जयवर्धन सिंह मध्य प्रदेश की राघौगढ़ विधानसभा सीट पर लगातार दूसरी बार जीत कर आए हैं।
मध्य प्रदेश चुनाव : शाम को होगी कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों की बुधवार शाम चार बजे राजधानी में बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में संभावित नेता के नाम पर भी चर्चा हो सकती है। कांग्रेस अभी बहुमत से दो सीट दूर है। कांग्रेस की ओर से आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायक दल की बैठक प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शाम चार बजे होगी।
बैठक में प्रदेश कांग्रेस अयक्ष कमलनाथ, समन्वय समिति के अयक्ष दिग्विजय सिह, चुनाव अभियान समिति के अयक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा, अभा कांग्रेस के प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया सहित अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता उपस्थित रहेंगे।
राज्य की 230 सीटों में से बहुमत के लिए 116 सीटों पर जीत आवश्यक है, कांग्रेस इस आंकड़े से दो सीटें पीछे है। कांग्रेस 114 सीटें ही जीत सकी है। बसपा और सपा के कांग्रेस को समर्थन देने के आसार बन रहे हैं। इस तरह बसपा के दो और सपा के एक विधायक का साथ मिलने पर कांग्रेस बहुमत के आंकड़े को पार कर सकती है। वहीं भाजपा को 109 सीट ही मिली है। कांग्रेस और भाजपा निर्दलीय विधायकों से संपर्क कर रही है।