देश में शुक्रवार से आज शाम तक कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमितों की संख्या में 768 का इजाफा हुआ है और इस दौरान इस संक्रमण के कारण 36 लोगों की मौत हो गयी। कोरोना के 768 नये मामले सामने आने के साथ ही अब तक इसके कुल 7529 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें 71 विदेशी मरीज शामिल हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण से पिछले 24 घंटे के दौरान 36 और लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ 242 हो गया है। कोरोना संक्रमित 653 लोग स्वस्थ भी हो चुके हैं। मंत्रालय ने कहा हालांकि, अगर समय रहते लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया गया होता तो देश में अब तक स्थिति बहुत खराब हो सकती थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शनिवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए लॉकडाउन बहुत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि कि 25 मार्च से पहले के और 25 मार्च को लॉकडाउन और नियंत्रण उपाय किये जाने के बाद से अब तक के आकड़े से संबंधित एक विश्लेषण के आधार पर कहा जा सकता है कि यदि पूर्ण बंदी एवं कोरोना वायरस को लेकर अन्य प्रयास न किये जाते तो संक्रमितों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ती और 15 अप्रैल तक यह आंकड़ आठ लाख दो हजार तक पहुंच जाता।
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उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विश्लेषण भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद का कोई अध्ययन नहीं है। इसे एक सांख्किय विश्लेषण कहा जा सकता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने की कोशिश में अग्रिम पंक्ति पर काम कर रहे आंगनबाड़ कार्यकर्ता, आशा कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सकों का योगदान बहुत सराहनीय है।
उन्होंने कोरोना वायरस के पहले क्लस्टर आगरा का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां संक्रमण रोकने के लिए सभी संबंधित विभागों ने बेहतर तालमेल से काम किया जिसके नतीजे बहुत संतोषजनक रहे। उन्होंने फिर कहा कि देश में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की कोई कमी नहीं है। इसका पर्याप्त स्टॉक मौजूद है और जरूरत पड़ने पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध करा दी जायेगी।
इसी के साथ उन्होंने कहा कि इस दवा को बिना चिकित्सक की सलाह के लेना उचित नहीं है। अन्य दवाओं की तरह इसके भी साइड इफेक्ट होते हैं जिन्हें समझते हुए ही चिकित्सक किसी को इसे लेने की सलाह देते हैं अत: एहतियातन इसका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।