मिशन मून की कामयाबी के लेकर सभी भारतीयों को इंतजार है कि आखिर कब ये मिशन पूरा होगा। कई दिनों के इंतजार के बाद आज ये मिशन पूरा होगा इसलिए आज बुधवार का दिन भारत के इतिहास में अहम होगा। आपको बता दें भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 की शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है और इस उम्मीद को भरोसा दिया है।
मिशन मून को लेकर क्या बोले एस सोमनाथ
इसरो के वैज्ञानिकों ने। 2019 में चंद्रयान-2 की हार्डलैंडिंग के बाद से ही मिशन को सफल बनाने में लगे हैं। वहीं साप्ट लैंडिंग को लेकर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा है कि हमें विश्वास है कि यह एक सफल मिशन होगा।
लैंडर की सेहत बिल्कुल ठीक
इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि एक सफल मिशन होगा और अति आत्मविश्वास नहीं है। ये आत्मविश्वास उस काम से आ रहा है जो हमारी (इसरो) टीमों ने चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग के बाद मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए किया है। इसरो चीफ ने कहा चार साल एक छोटा समय नहीं है। हमने इसका हर हिस्सा अपने मिशन को बेहतर बनाने और बैकअप प्लान तैयार करने में लगाया है। उन्होंने कहा कि हमने बैकअप प्लान का भी बैकअप तैयार किया है। इस मिशन में अब तक सब कुछ हमारी योजना के अनुसार ही हुआ है। हमने सिस्टम का कई स्तर पर सत्यापन कर लैंडिंग की तैयारी कर ली है और लैंडर की सेहत बिल्कुल ठीक है। इस तरह के वैग्यानिंकों की तरफ से दावे किए जा रहे है।
चंद्रयान-2 के असफल होने से लिया सबक
चंद्रयान-2 के असफल होने से मिले सबक पर इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा, चंद्रयान-2 अंतिम चरण तक ठीक-ठाक चला, लेकिन हम सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाए। हम अधिक स्पीड से उतरे. चंद्रयान-2 के दौरान हमारी एक गलती यह थी कि हमने लैंडिंग स्थल को 500 मीटर x 500 मीटर के सीमित क्षेत्र में रखा था।उन्होंने बताया कि हमने कुछ कमियां पता कर ली थीं जिनका सामना यान को करना पड़ रहा था और जब ऐसा हो रहा था तब हमने उसका समाधान नहीं किया इससे उतरते समय लैंडर मॉड्यूल नियंत्रण से बाहर हो गया। लेकिन इस बार गल्तियों से सीख को लेकर बेहतर तरीके से तैयार हैं।
चंद्रयान 3 की लैंडिंग को लेकर थोड़ा सा डर
लेकिन इसके बाद भी डर है कि क्योंकी जब तक चंद्रयान 3 की लैंडिंग नहीं हो जाती। तब तक ये डर बना रहेगा। इसलिए उनका कहना है कि हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए यदि ऐसा होना है, तो सब कुछ गलत हो सकता है और यदि चीजों को हमारे अनुसार चलना है तो कुछ भी गलत नहीं होगा सवाल ये होना चाहिए कि अगर कुछ गलत हुआ तो क्या हम स्थिति को संभालने के लिए तैयार हैं? और इसका उत्तर है हां।
रुस का मिशन मून हुई था फेल
आपको बता दें रुस का मिशन मून फेल हो चुका लूना 25 बीते दिनों क्रैश हो गया था। चंद्रयान से लूना का मुकाबला था। लेकिन लूना मुकाबले से बाहर हो चुका है। चंद्रयान 3 के कामयाब होने से भारत का नाम देश विदेश में होगा। आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग होनी है।
चंद्रयान-3 के 15 से 17 मिनट बेहद अहम
आझ जब चंद्रयान-3 चांद पर पहुंचेगा तो वो 15 से 17 मिनट मे सॉफ्ट लैंडिंग करेगा इसलिए ये 15 से 17 मिनट बेहद अहम माने जा रहै है। चंद्रयान लैंडिंग से 2 घंटे पहले लैंडर वहां की स्थिति के आधार पर यह तय करेगा कि इसे सही समय उतारना उचित होगा या नहीं।
गड़बड़ हुई तो 27 को मिशन पूरा होगा
इन सबके बीच अगर कुछ भी गड़बड़ होती है तो फिर 27 अगस्त को लैंडिंग कराई जाएगी। अगर भारत का ये मिशन आज पूरा होता है तो भारत साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बनेगा। मिशन मून के पूरा होने के लिए देश दुआएं मांग रहा है कई मंदिरों में हवन किए जा रहे है और कई नेता भी दुआएं मांग रहे है ताकि चंद्रयान-3 सफल हो जाए। वहीं वैग्यानिको को पूरा भरोसा है कि क्योंकी उनके पासकामयाबी का फूलप्रूफ प्लान है।
मिशन मून को लेकर क्या बोले एस सोमनाथ
इसरो के वैज्ञानिकों ने। 2019 में चंद्रयान-2 की हार्डलैंडिंग के बाद से ही मिशन को सफल बनाने में लगे हैं। वहीं साप्ट लैंडिंग को लेकर इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा है कि हमें विश्वास है कि यह एक सफल मिशन होगा।
लैंडर की सेहत बिल्कुल ठीक
इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि एक सफल मिशन होगा और अति आत्मविश्वास नहीं है। ये आत्मविश्वास उस काम से आ रहा है जो हमारी (इसरो) टीमों ने चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग के बाद मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए किया है। इसरो चीफ ने कहा चार साल एक छोटा समय नहीं है। हमने इसका हर हिस्सा अपने मिशन को बेहतर बनाने और बैकअप प्लान तैयार करने में लगाया है। उन्होंने कहा कि हमने बैकअप प्लान का भी बैकअप तैयार किया है। इस मिशन में अब तक सब कुछ हमारी योजना के अनुसार ही हुआ है। हमने सिस्टम का कई स्तर पर सत्यापन कर लैंडिंग की तैयारी कर ली है और लैंडर की सेहत बिल्कुल ठीक है। इस तरह के वैग्यानिंकों की तरफ से दावे किए जा रहे है।
चंद्रयान-2 के असफल होने से लिया सबक
चंद्रयान-2 के असफल होने से मिले सबक पर इसरो प्रमुख सोमनाथ ने कहा, चंद्रयान-2 अंतिम चरण तक ठीक-ठाक चला, लेकिन हम सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाए। हम अधिक स्पीड से उतरे. चंद्रयान-2 के दौरान हमारी एक गलती यह थी कि हमने लैंडिंग स्थल को 500 मीटर x 500 मीटर के सीमित क्षेत्र में रखा था।उन्होंने बताया कि हमने कुछ कमियां पता कर ली थीं जिनका सामना यान को करना पड़ रहा था और जब ऐसा हो रहा था तब हमने उसका समाधान नहीं किया इससे उतरते समय लैंडर मॉड्यूल नियंत्रण से बाहर हो गया। लेकिन इस बार गल्तियों से सीख को लेकर बेहतर तरीके से तैयार हैं।
चंद्रयान 3 की लैंडिंग को लेकर थोड़ा सा डर
लेकिन इसके बाद भी डर है कि क्योंकी जब तक चंद्रयान 3 की लैंडिंग नहीं हो जाती। तब तक ये डर बना रहेगा। इसलिए उनका कहना है कि हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए यदि ऐसा होना है, तो सब कुछ गलत हो सकता है और यदि चीजों को हमारे अनुसार चलना है तो कुछ भी गलत नहीं होगा सवाल ये होना चाहिए कि अगर कुछ गलत हुआ तो क्या हम स्थिति को संभालने के लिए तैयार हैं? और इसका उत्तर है हां।
रुस का मिशन मून हुई था फेल
आपको बता दें रुस का मिशन मून फेल हो चुका लूना 25 बीते दिनों क्रैश हो गया था। चंद्रयान से लूना का मुकाबला था। लेकिन लूना मुकाबले से बाहर हो चुका है। चंद्रयान 3 के कामयाब होने से भारत का नाम देश विदेश में होगा। आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चांद पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग होनी है।
चंद्रयान-3 के 15 से 17 मिनट बेहद अहम
आझ जब चंद्रयान-3 चांद पर पहुंचेगा तो वो 15 से 17 मिनट मे सॉफ्ट लैंडिंग करेगा इसलिए ये 15 से 17 मिनट बेहद अहम माने जा रहै है। चंद्रयान लैंडिंग से 2 घंटे पहले लैंडर वहां की स्थिति के आधार पर यह तय करेगा कि इसे सही समय उतारना उचित होगा या नहीं।
गड़बड़ हुई तो 27 को मिशन पूरा होगा
इन सबके बीच अगर कुछ भी गड़बड़ होती है तो फिर 27 अगस्त को लैंडिंग कराई जाएगी। अगर भारत का ये मिशन आज पूरा होता है तो भारत साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बनेगा। मिशन मून के पूरा होने के लिए देश दुआएं मांग रहा है कई मंदिरों में हवन किए जा रहे है और कई नेता भी दुआएं मांग रहे है ताकि चंद्रयान-3 सफल हो जाए। वहीं वैग्यानिको को पूरा भरोसा है कि क्योंकी उनके पासकामयाबी का फूलप्रूफ प्लान है।