संजय राउत जो शिव सेना समूह के नेता हैं, उन्होंने कहा कि के चंद्रशेखर राव जो अन्य समूह के नेता है। महाराष्ट्र का दौरा करने आ रहे हैं। संजय राउत का मानना है कि इस दौरे से महाराष्ट्र की राजनीति में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर के।चंद्रशेखर राव परेशानी पैदा करने की कोशिश करेंगे तो उन्हें तेलंगाना में अपने ही गुट की सत्ता गंवानी पड़ सकती है। संजय राउत ने कहा कि तेलंगाना के नेता केसीआर महाराष्ट्र आए क्योंकि उन्हें डर था कि वह अपने ही राज्य में हार जाएंगे। तेलंगाना में लड़ाई केसीआर और कांग्रेस पार्टी के बीच है। संजय राउत ने यह भी कहा कि केसीआर महाराष्ट्र आए क्योंकि उन्हें हार का डर था, लेकिन उनके अपने कुछ नेता जो मंत्री और सांसद थे, कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। तो अब महाराष्ट्र में लड़ाई केसीआर और कांग्रेस पार्टी के बीच है। महाराष्ट्र में एमवीए (राजनीतिक दलों का गठबंधन) मजबूत है।
समृद्धि के विचारों का समर्थन कर रहे हैं
जुपल्ली कृष्ण राव नाम के एक राजनेता और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नामक राजनीतिक दल के कुछ अन्य नेताओं ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का फैसला किया है। उन्होंने ये फैसला दिल्ली में एक विशेष बैठक में लिया, जहां कांग्रेस पार्टी के नेता मौजूद थे। कांग्रेस पार्टी इससे खुश है क्योंकि इसका मतलब है कि अधिक लोग उनका और उनके प्रेम और समृद्धि के विचारों का समर्थन कर रहे हैं। अजीत पवार नाम के एक राजनेता ने कहा कि तेलंगाना के केसीआर नाम के एक अन्य राजनेता महाराष्ट्र में लोकप्रिय होना चाहते थे, लेकिन अजीत पवार को नहीं लगता था कि वह ऐसा कर पाएंगे।
ऐसा ही करने की कोशिश की थी
अजीत पवार ने उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश के दो अन्य राजनेताओं, मायावती और मुलायम सिंह यादव ने भी महाराष्ट्र में लोकप्रिय होने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए। मुलायम सिंह और मायावती यूपी के ऐसे नेता थे जिन्होंने पहले भी कुछ ऐसा ही करने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बनी। शायद के।चंद्रशेखर राव पूरे देश में बड़े नेता बनना चाहते हैं और इसीलिए कोशिश कर रहे हैं। ये बात अजित पवार ने कही।