उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष ने भी अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया हैं। भाजपा ने जंहा जगदीप धनखड़ व विपक्ष ने मार्गेट को रण में उतारा हैं। भाजपा के पास राज्यसभा में अपने उम्मीदवार को जीताने के लिए पर्याप्त बहुमत हैं , वही विपक्ष के लिए यही कही नजर पड़ रहा हैं।
लोस में बहुमत व रास में बहुमत के काफी करीब भाजपा
उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की बैठक में आप व टीएमसी ने हिस्सा नही लिया है। जिस कारण विपक्ष के प्रत्याशी की राह नजर नही आ रही हैं। वर्तमान समय में लोकसभा में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत के साथ 303 सदस्य हैं, जबकि राज्यसभा में 91 हैं। लेकिन अगर इनमें पांच नामित सदस्यों को जोड़ा जाए तो खुदा भाजपा के पास वोट की संख्या 96 हो जाएगी। इस तरह से भाजपा के पास मौजूदा समय 394 वोट आसानी से हो जाते हैं। इनमें पांच नामित सदस्यों के वोट जोड़ दें तो ये संख्या 399 हो जा रही है। यानि अगर सहयोगी दलों के बिना भी भाजपा अपने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार धनखड़ को खुद के बल पर आसानी से जीत दिला सकती है।
सहयोगियों का साथ मिलने पर और भी आसान हो जाती हैं जगदीप धनखड़ की जीत
राष्ट्रपति चुनाव में राजग प्रत्याशी को गैर राजग दलों ने भी अपना समर्थन दिया हैं। इसी लिहाज से उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी भाजपा को अपने सहयोगियों का साथ मिलना वाजिब है। क्योंकि भाजपा सहयोगियों के साथ मिलकर जगदीप धनखड़ की जीत को एतिहासिक बनाना चाहती हैं। भाजपा को उपराष्ट्रपति चुनाव में साथ देने की घोषणा कुछ पार्टी पहले से ही कर चुकी हैं। इनमें जेडीयू, आरपीआई, लोक जन शक्ति पार्टी, अपना दल, एआईएडीएमके, एनपीपी जैसी पार्टियां शामिल हैं। इनके वोट जोड़कर भाजपा के पास 446 वोट हो जाते हैं। इनके अलावा भाजपा के प्रत्याशी को गैर राजग दलों का भी सहयोग मिलने की संभावना हैं, जिनमें बीजेडी, वाईएसआर कांग्रेस, बसपा, शिरोमणि अकाली दल जैसे कुछ और दलों ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया है।
पहले परिस्थिति में पड़ेगे 783 वोट
अभी लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की संख्या के हिसाब से वोटर्स की दो संख्या निकलकर सामने आ रही है।पहली परिस्थिति में कुल 783 वोट पड़ सकते हैं। ऐसे में जीत के लिए उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के 393 वोट चाहिए होंगे। दूसरी परिस्थिति में अगर 780 वोट पड़ते हैं तो उम्मीदवार को जीत के लिए प्रथम वरीयता के 391 वोट चाहिए होंगे।
आपको बता दे की वर्तमान उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को समाप्त हो रहा हैं । उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 तारीख मतदान होना हैं । जिसका परिणाम भी उसी शाम हो घोषित हो जाएगा ।