जुलाई के महीने में एनसीपी पार्टी में बगावत हुई.शरद पवार के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में NCP में बहुत बड़ी बगावत हुई जब पार्टी का एक बड़ा धड़ा महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे वाली सरकार में शामिल हो गया। अजीत पवार समेत पार्टी के 9 विधायक शिंदे कैबिनेट का हिस्सा बन गए थे। अजित पवार को उपमुख्यमंत्री का पद मिला था। अजित पवार के साथ NCP में बगावत करने वाले नेताओं में धनंजय मुंडे अनिल पाटिल, दिलीप वलसे पाटिल,छगन भुजबल, धर्मराव अत्राम, संजय बनसोड़े, अदिति तटकरे और हसन मुश्रीफ थे। इनमें छगन भुजबल धनंजय मुंडे, हसन मुश्रीफ जैसे लोग तो शरद पवार के बेहद करीबी माने जाते थे।
शरद पवार ने अजित पवार को माना नेता
NCP के प्रमुख शरद पवार ने एक बड़ा बयान दिया है, उन्होंने अजीत पवार को पार्टी का नेता माना है। शुक्रवार 25 अगस्त को बारामती में सीनियर पवार ने कहा, ‘इसमें कोई मतभेद नहीं की अजीत पवार हमारे नेता है, NCP में कोई टूट नहीं है’।
मीडिया रिपोर्ट की माने तो शरद पवार ने आगे कहा कि ‘किसी पार्टी में फूट कैसे पड़ती है, ऐसा तो होता है जब राष्ट्रीय स्तर पर कोई बड़ा समूह पार्टी से अलग हो जाता है लेकिन आज NCP में ऐसी कोई स्थिति नहीं, कुछ नेताओं ने अलग रास्ता अपनाया है लेकिन इसे फुट नहीं कहा जा सकता, वे लोकतंत्र में ऐसा कर सकते हैं’।
सुप्रिया सुले ने भी दिया था बयान
NCP की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने भी शरद पवार के बयान से एक दिन पहले बयान देते हुए पार्टी में टूट की बात से इनकार किया था। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 24 अगस्त को सुप्रिया सुले ने कहा था कि पार्टी में कोई टूट नहीं हुई है और BJP हमारे केवल कुछ विधायकों को अपनी तरफ ले जाने में सफल रही है।