आज से भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ गई है। क्योंकि नौसना में आज पांचवीं कलावरी स्तर की पनडुब्बी वागीर को शामिल किया गया है। इस मौके पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूद रहे। इस पनडुब्बी को मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने फ्रांस स्थित मैसर्स नेवल ग्रुप के सहयोग से बनाया है।
50 मीटर की गहराई तक हो सकती है तैनात
बता दें कि इस नई सबमरीन को कई टेस्ट से गुजरना पड़ा है। इसे प्रोजेक्ट P-75 के तहत तैयार किया गया है। ये 221 फीट लंबी और 40 फीट ऊंची और इसका ड्राफ्ट 19 फीट है। ये सबमरीन दुश्मनों के लिए बेहद खतरनाक साबित होगी। स्टेल्थ टेकनिक की वजह से दुश्मन को इसका पता लगाना काफी मुश्किल है।
मिली जानकारी के मुताबिक, ये सबमरीन काफी एडवांस तकनीक से बनी है। इसकी एक खासियत ये भी है कि इसे ऑक्सीजन बनाने में महारत हासिल है। ये पानी के अंदर लंबे समय तक रह सकती है। INS वागीर 350 मीटर की गहराई तक तैनात हो सकती है और समुद्र में बारूदी सुरंग बिछाने में माहिर है। समुद्री लहरों पर इसकी स्पीड प्रतिघंटा 20 किलोमीटर है जबकि पानी के अंदर इसकी रफ्तार 37 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
‘वागीर’ का अर्थ सैंड शार्क है, जो किसी को भनक दिए बिना चुपके और निडरता से काम करती है। नौसेना ने बताया है कि ये पनडुब्बी दुनिया के सबसे बेहतरीन सेंसर से लैस इसके हथियार भी काफी एडवांस हैं।
बता दें कि वागीर का भारतीय नौसेना में एक गौरवशाली इतिहास रहा है। इसी नाम की पनडुब्बी को नवंबर 1973 में कमीशन किया गया था और इसने कई मिशन को पूरा किया था।