भारत ने 15 साल में तीन चंद्रयान का किया परीक्षण जानिए, इसे बनाने में कितना खर्च आया - Punjab Kesari
Girl in a jacket

भारत ने 15 साल में तीन चंद्रयान का किया परीक्षण जानिए, इसे बनाने में कितना खर्च आया

India tested three Chandrayaan in 15 years, know how much it cost to make it

मिशन चंद्रयान-3 का काउंटडाउन कुछ ही घंटों में शुरू होने वाला है। इसे लेकर ISRO की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है और अब लॉन्चिंग की बारी है। आपको याद होगा कि पिछली बार भारत चंद्रयान का सफल परीक्षण करने में चुक गया था। लेकिन  इस बार कोशिश है कि रोवर की सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग कराई जाए।अगर भारत ऐसा करने में कामयाब हो जाता है को तो वो अमेरिका और चीन जैसे देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा।
2008 में पहला चंद्रयान लांच किया था1689337439 9999
वैसे चांद तक पहुंचने का ये भारत का पहला मिशन नहीं है। पिछले 15 साल में भारत अब तीसरी बार चांद तक पहुंचने की कोशिश कर रहा है। 2008 में पहला चंद्रयान, 2019 में दूसरा चंद्रयान और अब मून मिशन पर तीसरा चंद्रयान निकल चुका है।
 14 जुलाई 2023 को तीसरा चंद्रयान लांच
चंद्रयान-3 की बात करें तो 14 जुलाई 2023 यानी आज इस मिशन पर निकला है। दोपहर 2.35 बजे श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 को चांद के लिए रवाना किया गया। लॉन्चिंग में सबसे भारी रॉकेट फैट ब्वॉय का इस्तेमाल हुआ है, जिसे भारत का बाहुबली भी कहा जा रहा है। इसका नाम है- एलवीएम3 एम4 और ये देश का सबसे भारी रॉकेट है जिसका वजन 640 टन है।
2003 में चंद्रयान कार्यक्रम की कल्पना की गई थी
इसका लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में महारत हासिल करना है। चंद्रमा की सतह पर सफल ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ से भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।
पिछले 2 मिशन पूरी तरह सफल नहीं हो सके। भारत में 2003 में चंद्रयान कार्यक्रम की कल्पना की गई थी।
 अटल बिहारी  ने ‘मिशन मून’ की घोषणा की थी1689337573 atal
15 अगस्त 2003 को औपचारिक रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी ने ‘मिशन मून’ की घोषणा की थी।  22 अक्टूबर 2008 को इसरो ने पीएसएलवी-सी 11 रॉकेट के जरिए पहले मिशन ‘चंद्रयान-1’ को लॉन्च किया।
 22 जुलाई 2019 को चंद्रयान-2′ लॉन्च किया गया था1689337509 dff
चंद्रयान-2 मिशन 22 जुलाई 2019 को ‘चंद्रयान-2’ लॉन्च किया गया था। उड़ान के समय अंतरिक्ष यान का हर कदम सटीक था और चंद्रमा की सतह पर उतरने की तैयारी में ‘लैंडर’ सफलतापूर्वक ‘ऑर्बिटर’ से अलग हो गया था।
2.1 किमी की ऊंचाई से ‘चंद्रयान-2 का संपर्क टूटा था1689337643 999222
 जब लैंडर चांद की सतह पर लैंड होने वाला था तभी 2.1 किमी की ऊंचाई उससे संपर्क टूट गया था। यहीं पर ‘चंद्रयान-2’ खत्म हो गया था। इससे सीख लेकऱ भारत ने चंद्रयान 3 का परीक्षण किया है इसरो के वैज्ञानिकों ने बड़ी मेहनत से इसका सफल परीक्षण किया है। ‘चंद्रयान-3 40 दिन के अंदर अपने टारगेट को पूरा करेगा। इसके बाद इसरो नया इतिहास बनाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

19 − twelve =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।