भारत में कैंसर जैसी बिमारी बढती ही जा रही है। जिसके चलते आने वाले समय में भारत को कैंसर जैसी घातक बीमारियों की सुनामी झेलनी पड़ सकती है। ये सब इसलिए होगा क्योंकी वैश्वीकरण, अर्थव्यवस्था, आबादी और बदलती जीवनशैली इसका कारण बनेगी। इसका दावा डॉ. जामे अब्राहम ने एक रिपोर्ट में किया है।
अब्राहम ने कहा कि इसकी रोकथाम और उपचार के लिए कैंसर के टीके, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा डिजिटल तकनीक का विस्तार और तरल बायोप्सी को नया रूप देना होगा। डॉ. अब्राहम ने लिखा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी और टेलीहेल्थ रोगियों और विशेषज्ञों के बीच की खाई को कम करेंगे।
महंगे इलाज को किफायती बनाना होगा
यह संभावित रूप से हमारे देश के दूरदराज के हिस्सों में विशेषज्ञों की देखभाल की उपलब्धता को बढ़ाएगा। विशेष रूप से इसकी व्यवस्था गांवों में उपलब्ध कराई जाएगी। डॉ. अब्राहम ने कहा कि भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती लाखों लोगों के लिए महंगे इलाज को किफायती बनाना होगी।
भारत के सामने एक बड़ी चुनौती
डॉ. जेम अब्राहम ने कहा कि भारत के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि जब ये प्रौद्योगिकियां कैंसर की देखभाल में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगी तो इसे अपने लाखों लोगों के लिए कैसे सस्ता और सुलभ बनाया जाए. कैंसर रोग विशेषज्ञ ने आगाह किया कि वैश्वीकरण, बढ़ती अर्थव्यवस्था, आबादी और बदलती जीवन शैली के कारण भारत कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की सुनामी का सामना करेगा