विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंका के अपने समकक्ष जी एल पीरिस से कहा कि श्रीलंका में तमिल लोगों के लिए समानता, न्याय और सम्मान सुनिश्चित करके कोलंबो के हितों को अच्छी तरह से साधा जा सकता है। उन्होंने हवाई तथा समुद्री संपर्क बढ़ाने समेत परस्पर लाभकारी परियोजनाओं को तेजी से आगे ले जाने का आह्वान किया।
जयशंकर ने साझा समुद्री क्षेत्र को विभिन्न समकालीन खतरों से सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर भी बात की
विदेश मंत्रालय के अनुसार, सोमवार को यहां पीरिस से वार्ता के दौरान जयशंकर ने साझा समुद्री क्षेत्र को विभिन्न समकालीन खतरों से सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर भी बात की और आश्वासन दिया कि भारत जरूरत की घड़ी में हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा रहेगा।
मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि दोनों पक्षों ने मछुआरों के मुद्दे से मानवीय रुख के जरिए निपटने और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा पर घटनाओं से निपटने में हिंसा के इस्तेमाल से बचने पर दीर्घकालीन आम सहमति को दोहराया।
वार्ता के दौरान जयशंकर ने कहा कि ‘‘सत्ता का हस्तांतरण’’ तमिल सुलह प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण आयाम है।
जयशंकर से विस्तारपूर्वक वार्ता करने के अलावा श्रीलंका के विदेश मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘श्रीलंका के विदेश मंत्री ने भारत की हाल की सहायता के लिए आभार जताया और मानवाधिकारों तथा सुलह पर श्रीलंका की सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर विदेश मंत्री को जानकारी दी।’’