भारत के खाते में आई ये बड़ी उपलब्धि, मीनाक्षी लेखी बोलीं-हम मेहनत कर यहां तक पहुंचे - Punjab Kesari
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भारत के खाते में आई ये बड़ी उपलब्धि, मीनाक्षी लेखी बोलीं-हम मेहनत कर यहां तक पहुंचे

अर्थव्यवस्था को लेकर भारत ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। ब्रिटेन को पछाड़कर भारत विश्व की पांचवीं

अर्थव्यवस्था को लेकर भारत ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। ब्रिटेन को पछाड़कर भारत दुनियां की विश्व सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर दुनिया के सामने उभरा है। भारत को मिली इस उपलब्धि को केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने मेहनत का नतीजा बताते हुए खुशी जाहिर की।
मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 2014 में जब हमारी सरकार नहीं थी और भारत बहुत भयावह स्थिति से गुजर रहा था। हर तरफ हम फिसले हुए थे। वहां से शीर्ष 5 की स्थिति में पहुंचना एक बड़ा पायदान है। मेहनत कर हम यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना और उस स्थिति से ब्रिटेन जैसी अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उभरते बाजारों में भी हम चीन को पछाड़ रहे हैं।
छठे नंबर पर ब्रिटेन 
भारत ने ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व में एकबार फिर रिकॉर्ड दर्ज कर दिया है। अब भारत दुनियां की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वहीं ब्रिटेन फिसलकर अब 6वें नंबर पर आ गया है। एक रिपोर्ट्स के मुताबिक करीब एक दशक पहले भारत दुनियां की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 11वें नंबर पर था। लेकिन भारत के खाते में ये बड़ी उपलब्धि आई है।
ब्रिटेन की नई सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। आपको बता दें कि ब्रिटेन में कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य बोरिस जॉनसन के उत्तराधिकारी का चुनाव करेंगे। माना जा रहा है कि नई सरकार में महंगाई और सुस्त अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती होगी। 
यह खबर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल ही में भारत ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के आधिकारिक जीडीपी आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 13.5 फीसदी थी, जो पिछले एक साल में सबसे ज्यादा है। वहीं, सालाना आधार पर भी भारत की जीडीपी में उछाल आने की संभावना है।
चीन को भी भारत ने किया चित्त
आंकड़ों के अनुसार ग्रोथ दर के मामले में चीन भारत के आसपास भी नहीं भटक रहा है। अप्रैल-जून तिमाही के लिए चीन की विकास दर 0.4 फीसदी रही है। तमाम अनुमान बता रहे हैं कि सालाना आधार पर भी चीन भारत के मुकाबले पिछड़ सकता है। वहीं अगर ब्रिटेन की बात करें तो आने वाले समय में इसकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि भारत इस साल सालाना आधार पर डॉलर के मामले में ब्रिटेन से आगे निकल गया है।  

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