लोकसभा का कल यानी 21 जुलाई को मॉनसून सत्र का दूसरा दिन था. जहां कई अनेक मुद्दों को उठाया गया, मणिपुर हिंसा से लेकर कई चर्चित मुद्दों को चर्चा का विषय बनाने की कोशिश की जा रही थी जिसमें महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में 2021-22 और 2022-23 का आंकड़ा पेश करते हुए कहा की देश के 20 से ज़्यादा राज्यों में लिंग अनुपात के दर में गिरावट दर्ज की गयी है, जिसमें ज़्यादातर बच्चों के जन्म लेते वक़्त की है. ये मुद्दा तब उठाया गया जब स्मृति ईरानी पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर दे रही थी.
लिंग अनुपात में दिखी 10 अंकों की गिरावट
2021-22 और 2022-23 का आंकड़ा पेश करते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया की उन 20 राज्यों में से आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम बंगाल ये उन राज्यों के गिनिती में आते हैं जहां एक साल के अंदर लिंग अनुपात की दर में गिरावट देखा गया. हरियाणा को लेकर जनसँख्या रीप्रोट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया की 1 साल के अंदर ही हरियाणा में 10 अंको की गिरावट दिखी है. बता दें की साल 2022 में 1000 लड़को पर लड़कियों की संख्या 916 थी. और इस बार 906 दर्ज की गयी है.
मुस्लिम आबादी को लेकर ये क्या बोल बैठी स्मृति ईरानी?
गुरुवार 20 जुलाई को स्मृति ईरानी यह कहा था कि 2023 तक देश में मुस्लिम समुदायों की आबादी 19.7 करोड़ तक रहने का अनुमान जताया जा रहा है. बता दें की उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सांसद माला राय के लिखित में जवाब दिया. जिस पर सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक रिपोर्ट की फोटो शेयर करते हुए कहा की “बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने ये कहा है की मुस्लिमों की जनसँख्या 20 करोड़ से ज़्यादा नहीं होने वाली”. इस बात को लेकर देश में दोबारा विवादों का पुल खड़ा हो चूका है.