प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व के‘पंचप्राण’का आह्वान किया गया है।
श्री मोदी ने आज यहां श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में बनाए गए भव्य श्री महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व के पंचप्राण का आह्वान किया गया है। इसी क्रम में अयोध्या में भव्य राममंदिर निर्माण चल रहा है। काशी का विश्वनाथ धाम, सोमनाथ और केदारनाथ ज्योतिर्लिंग विकास का नया अध्याय लिख रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना जैसे कार्यों ने देश में आध्यात्मिक चेतना का गौरव स्थापित किया है।
उन्होंने कहा कि इसी क्रम में भव्य महाकाल लोक भविष्य के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव विशाल तभी होता है, जब उसकी सफलता का परचम विश्व पटल पर लहरा रहा होता है। सफलता के शिखर तक पहुंचने के लिए ये जरूरी है कि राष्ट्र अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को छुए।
देश के कई प्रमुख मंदिरों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि तंजौर, कांचीपुरम, रामेश्वरम, वेल्लोर, मदुरई के मंदिरों समेत श्रीनगर का शंकराचार्य मंदिर बेजोड़ हैं। ये मंदिर सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि उस समय में ऐसे मंदिर किस तकनीक से बनाए गए होंगे।
उन्होंने कहा कि भारत आज रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। अन्य क्षेत्रों में भी तरक्की हो रही है।
श्री मोदी ने आज अपने लगभग साढ़े तीन घंटे के उज्जैन प्रवास के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना के साथ श्री महाकाल लोक का लोकार्पण किया। आमसभा में उनके साथ राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूइया उइके, झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस, केंद्रीय मंत्री नरेंद, सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद, कुमार, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते समेत प्रदेश सरकार के कई मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी उपस्थित थे।