सरकार ने हिन्द महासागर में भारतीय नौसेना का प्रभुत्व बनाये रखने के लिए उसके बेड़े में 56 युद्धपोत और छह पनडुब्बी शामिल करने का महत्वाकांक्षी निर्णय लिया है साथ ही दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत को लेकर भी बातचीत ठोस रूप ले रही है। नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने नौसेना कहा कि नौसेना रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है।
सरकार ने देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नौसेना के बेड़े के लिए 56 समु्द्री पोतों और छह पनडुब्बी की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि ये युद्धपोत और पनडुब्बी लगभग एक दशक के समय में नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिये जायेंगे। इनमें से कुछ युद्धपोत पुराने युद्धपोतों की जगह लेंगे तो कुछ नौसेना के बेड़े का विस्तार कर उसे मजबूत बनायेंगे।
नौसेना प्रमुख सुनील लांबा ने कहा कि इसके अलावा देश के विभिन्न शिपयार्डों में अभी 32 समुद्री पोत और पनडुब्बी बनायी जा रही हैं। इनमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, पी-15 बी श्रेणी के विध्वंसक, पी 17 ए श्रेणी के स्टेल्थ फ्रिगेट, समुद्री गश्त पोत और पनडुब्बी शामिल हैं।
सौदा पूरा न होने पर नौसेना ने की रिलायंस समूह की बैंक गारंटी जब्त
राफेल लड़कू विमानों के ऑफसेट समझौते को लेकर विवादों में फँसी अनिल अंबानी की रिलायंस समूह की कंपनी आरएनईएल पर अब नौसेना ने जुर्माना लगाया है और पाँच समुद्री गश्ती पोत की आपूर्ति समय पर न करने के लिए उसकी बैंक गारंटी जब्त कर ली है। नौसेना प्रमुख सुनील लांबा ने नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को यहाँ आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सवालों के जवाब में इसकी पुष्टि की।
उन्होंने कहा, ‘‘रिलायंस नेवल एंड इंजीनीयरिंग लिमिटेड (आरएनईएल) के साथ किसी तरह की रियायत नहीं बरती जा रही है। उसकी बैंक गारंटी जब्त कर ली गयी है, हालाँकि उसके साथ अनुबंध अभी रद्द नहीं किया गया है। इसकी जाँच की जा रही है और इस पर आगे के कदम के बारे में निर्णय लिया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि रिलायंस डिफेंस के ऋणों की भुगतान की सूची फिर से बनाने की प्रक्रिया चल रही है और उसके बैंकर आईडीबीआई ने उसके खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। अब इस सौदे में केवल लार्सन एंड टूब्रो के रह जाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से भी इस बारे में बात की जा सकती है।
आईएनईएल को 2,500 करोड़ रुपये के अनुबंध के तहत नौसेना को पाँच समुद्री गश्ती पोत की आपूर्ति करनी थी, लेकिन वह इस सौदे को निर्धारित समय में अमली जामा पहनाने में विफल रही है। उल्लेखनीय है कि रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस डिफेंस को फ्रांस से वायु सेना के लिए खरीदे जाने वाले 36 राफेल लड़कू विमान के सौदे में भारतीय ऑफसेट भागीदार बनाया गया है।
विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को दरकिनार कर रिलायंस डिफेंस को ऑफसेट ठेका दिलावाया है।