मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट साल में दो बार आयोजित करने और सिर्फ ऑनलाइन मोड में कराने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना को त्याग दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुरोध के बाद नीट परीक्षा पैटर्न में बदलाव के पूर्व के बयान के विपरीत अब कागज-कलम के जरिए और उतनी ही भाषाओं में कराने का फैसला किया गया है, जैसा पिछले साल आयोजन हुआ था।
साल में दो बार नीट के आयोजन को लेकर मंत्रालय ने प्रकट की थी चिंता
स्वास्थ्य मंत्रालय चाहता था कि पिछले साल के पैटर्न को ही अपनाया जाए। स्वास्थ्य मंत्रालय की सिफारिश के बाद यह फैसला किया गया। मंत्रालय ने साल में दो बार नीट के आयोजन को लेकर चिंता प्रकट करते हुए कहा था कि इस तरह के परीक्षा कार्यक्रम से छात्रों पर अतिरिक्त दबाव बन सकता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ग्रामीण इलाके में रहने वाले छात्रों को लेकर भी चिंता प्रकट की कि सिर्फ ऑनलाइन मोड में परीक्षा होने से उन्हें नुकसान हो सकता है। गौरतलब है कि पिछले महीने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की थी कि नवगठित नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) साल में दो बार राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा के साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा-मुख्य का आयोजन करेगी।
उन्होंने घोषणा की थी कि एनटीए द्वारा ली जाने वाली सारी परीक्षा कंप्यूटर आधारित होगी। पिछले महीने मंत्रालय की ओर से जारी संभावित कार्यक्रम के बाद मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मई 2019 तक एनटीए द्वारा आयोजित परीक्षाओं का अंतिम कार्यक्रम सार्वजनिक कर दिया।
बता दें कि नीट परीक्षा पांच मई 2019 को होगी। अधिकारी ने बताया, “एनटीए ग्रामीण इलाके के छात्रों के लिए परीक्षा अभ्यास केंद्र (टीपीसी) का देशव्यापी नेटवर्क स्थापित कर रही है ताकि हर किसी को परीक्षा के पहले अभ्यास का अवसर मिले। टीपीसी में डाउनलोडेड कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) होगा यह परीक्षा के दिन असल इम्तिहान की तरह ही होगा।” उन्होंने कहा कि अभ्यास परीक्षा से उम्मीदवारों को सिस्टम से परिचित होने में मदद मिलेगी। इसमें परीक्षा के बारे में विस्तृत दिशा-निर्देश भी होगा।