देश के पहले CDS बिपिन रावत का कैसा रहा 42 साल लंबा सैन्य सफर, जानें उनके बारे में बेहद खास बातें - Punjab Kesari
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देश के पहले CDS बिपिन रावत का कैसा रहा 42 साल लंबा सैन्य सफर, जानें उनके बारे में बेहद खास बातें

बिपिन रावत को आर्मी में ऊंचाई पर जंग लड़ने और काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन (Counterinsurgency) यानी जवाबी कार्रवाई के एक्सपर्ट

देश के सबसे बड़े सैन्य पद पर विराजमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत का आज तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, जिसमें बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 14 लोग सवार थे। 
अब गुरुवार को सारी सूचना देंगे राजनाथ सिंह 
अभी तक की जानकारी के अनुसार, फिलहाल तीन लोगों को रेस्क्यू किया गया है और अन्य लोगों के शहीद होने की खबर आई है। यहां पर बता दें कि अभी तक बिपिन रावत को लेकर किसी भी तरह की आधिकारिक सूचना नहीं आई है। लेकिन  वहीं, ऐसी जानकारी आ रही है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मसले पर अब गुरुवार को सारी सूचना देंगे। पहले ऐसा कहा जा रहा था कि राजनाथ सिंह आज ही इस मसले पर संसद में अहम जानकारी साझा करेंगे। 
जनरल बिपिन रावत का भारतीय सेना में अभी तक का सफर खासा शानदार रहा है और उनके इस अनुभव से भारतीय सेना ने नई ऊंचाई को छुआ है। विशेषज्ञ उन्हें  ऊंचे और दुर्गम इलाकों में लड़ाई लड़ने का विशेषज्ञ मानते हैं।  
आइए जानते हैं CDS बिपिन रावत के बारे में कुछ खास बातें-  
बिपिन रावत को आर्मी में ऊंचाई पर जंग लड़ने और काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन (Counterinsurgency) यानी जवाबी कार्रवाई के एक्सपर्ट के तौर पर जाना जाता है। साल 2016 में उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत के नेतृत्‍व में 29 सितंबर 2016 को पाकिस्‍तान में बसे आतंकी शिविरों को ध्‍वस्‍त करने के लिए सर्जिकल स्‍ट्राइक की गई थी। जिसको बिपिन रावत ने ट्रेंड पैरा कमांडों के माध्यम से अंजाम दिया था। 
उरी में सेना के कैंप और पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले में कई जवान शहीद होने के बाद सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी। आर्मी सर्विस के दौरान उन्होंने एलओसी, चीन बॉर्डर और नॉर्थ-ईस्ट में एक लंबा वक्त गुजारा है। बिपिन रावत ने कश्मीर घाटी में पहले नेशनल राइफल्स में ब्रिगिडेयर और बाद में मेजर-जनरल के तौर पर इंफेंट्री डिवीजन की कमान संभाली। 
सेना के इस मोर्चे पर बेहतर तालमेल बैठाने का कार्य किया  
साउथ कमांड की कमान संभालते हुए उन्होंने पाकिस्तान से सटी पश्चिमी सीमा पर मैकेनाइजड-वॉरफेयर के साथ-साथ एयरफोर्स और नेवी के साथ बेहतर तालमेल बैठाया। चाइनीज बॉर्डर पर बिपिन रावत कर्नल के तौर पर इंफेंट्री बटालियन की कमान भी संभाल चुके हैं। 
बिपिन रावत को इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) में ‘स्वर्ड ऑफ ऑनर’ से नवाजा जा चुका है। रावत चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के साथ-साथ भारतीय सेना के 27वें सेनाध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। 
बिपिन रावत ने 1978 में आर्मी ज्वॉइन की थी 
बता दें कि बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च, 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था। बिपिन रावत ने 1978 में आर्मी ज्वॉइन की थी। बिपिन रावत ने 2011 में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से मिलिट्री मीडिया स्टडीज में पीएचडी की डिग्री हासिल की।  
01 जनवरी 2020 को बने देश के पहले CDS  
बिपिन रावत ने 01 सितंबर 2016 को आर्मी के वाइस चीफ का पद संभाला और 31 दिसंबर 2016 को इंडियन आर्मी के 26वें चीफ की जिम्मेदारी मिली। वहीं, 30 दिसंबर 2019 को उन्हें भारत के पहले सीडीएस (CDS) के रूप में नियुक्त किया गया। बिपिन रावत ने 01 जनवरी 2020 को CDS का पदभार ग्रहण किया।

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