केंद्रिय गृहमंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन के विदेशी चंदा लेने वाले लाइसेंस को रद्द कर दिया हैं , यह गांधी परिवार को एक बहुत बड़ा झटका हैं, गांधी परिवार के द्वारा संचालित होने वाले एनजीओ पर विदेश से कानून का उल्लंघन कर चंदा लेने का आरोप हैं।मामले से जुड़े एक शख्स ने बताया कि इस एनजीओ का लाइसेंस रद्द करने का फैसला गृहमंत्रालय ने इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी की जांच के आधार पर किया हैं। इस कमेटी को गृहमंत्रालय ने ही गठित किया था, जिसने गृहमंत्रालय को लाइसेंस को रद्द करने की रिपोर्ट दी हैं। गृहमंत्रालय ने कार्रवाई की जानकारी एनजीओ के दफ्तर को भेज दी हैं ।
सोनिया अध्यक्ष व चिंदबरम, मनमोहन सिंह भी एनजीओ में शामिल
पूर्व यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी एनजीओ की अध्यक्ष हैं, वही ट्रस्टी के तौर कांग्रेस के कई कद्दावर नेता इसमें शामिल है। एनजीओ की साइट के मुताबिक यह , विज्ञान, स्वास्थ्य और महिलाओं, प्रौद्योगिकी और बच्चों, विकलांगता सहायता समेत कई समाजिक कार्य करता हैं। इस एनजीओ का गठन वर्ष 1991में किया गया था।
कोरोना के दौरान गृहमंत्रालय ने दिया था जांच का आदेश
राजीव गांधी फाउंडेशन जांच के दायरे में 2019 में आया, गृहमंत्रालय ने ईडी अधिकारी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया था। केंद्रिय गृहमंत्रालय के दायरे सिर्फ राजीव गांधी फाउंडेशन ही नहीं हैं बल्कि उससे जुड़े राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (RGCT) और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट भी हैं। इन सभी एनजीओ पर कानून का उल्लंघन कर विदेश से अवैध तरीके से चंदा लेने का आरोप हैं।
दुश्मन से लिया चंदा, खुलासा होने पर देश में मचा था हंगामा
देश की जमीं पर अपनी विस्तार वादी नीति थोपने के ऊतारू चीन ने भी इस फाउंडेश को चंदा दिया हैं , चीन से तनाव के चलते जेपी नड्डा ने गांधी परिवार पर चीन से चंदा लेने का आरोप लगाया था। चीन ने गांधी परिवार के फाउंडेशन को 3 लाख अमेरिकी डॉलर का चंदा दिया था। जेपी नड्डा ने गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा था कि वह चीन ओर गांधी परिवार के बीच होने वाले हस्ताक्षर पर कौन सा समझौता हुआ था। चीन की चंदा देने वाली संस्था चीनी सेना से जुड़ी हैं।