हिजाब विवाद के मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद अब याचिकार्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को एक याचिका दायर कर कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति के लिए याचिकाओं को खारिज करने संबंधी कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई। उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है और उसने कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति देने के लिए मुस्लिम छात्राओं की खाचिकाएं खारिज कर दी।
मुस्लिम छात्र ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की
अदालत ने इसके साथ ही राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध बरकरार रखा। उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ एक मुस्लिम छात्र ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है। उच्च न्यायालय ने कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली उडुपी स्थित ‘गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज’ की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं मंगलवार को खारिज कर दीं। उच्च न्यायालय ने कहा कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है, जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकतीं।
सरकारी आदेश को अवैध ठहराना गलत
पीठ ने यह भी कहा कि सरकार के पास पांच फरवरी 2022 के सरकारी आदेश को जारी करने का अधिकार है और इसे अवैध ठहराने का कोई मामला नहीं बनता है। इस आदेश में राज्य सरकार ने उन कपड़ों को पहनने पर रोक लगा दी है, जिससे स्कूल और कॉलेज में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था बाधित होती है। मुस्लिम लड़कियों ने इस आदेश को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।