गुजरात के कई हिस्सों में हमलों के बाद राज्य से हिन्दी भाषी प्रवासियों का पलायन मंगलवार को भी जारी रहा। वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। इस बीच, पुलिस ने औद्योगिक इलाकों के आसपास गश्त बढ़ा दी है जहां प्रवासी मजदूर रहते हैं।
वड़ोदरा में सैकड़ों पुलिसकर्मियों ने औद्योगिक इलाकों में फ्लैग मार्च किया जहां कई बड़े और छोटे कारखाने हैं जिनमें 25,000 प्रवासी मजदूर काम करते हैं।
गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने बताया कि अब तक 533 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और 61 मामले दर्ज किए गए हैं। अलग से, सात मामले सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत दर्ज किए गए हैं और 20 लोग सोशल मीडिया पर घृणा संदेश फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं।
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हिन्दी भाषी लोग ट्रेनों और बसों के जरिए राज्य से जा रहे हैं। ये गाड़ियां खचाखच भरी हुई हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि भीड़ के चलते कई जगह बसों का किराया बढ़ा दिया गया है।
राज्य के साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को 14 महीने की एक बच्ची के साथ बलात्कार हुआ था और इस आरोप में बिहार निवासी मजदूर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से ही, छह जिलों में हिन्दी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं हुईं। इनमें से ज्यादातर जिले उत्तर गुजरात के हैं।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने टि्वटर पर लगातार कई ट्वीट कर पूछा कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी पार्टी के उन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो ‘गुजरात में प्रवासियों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं।’ कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर और उनके संगठन गुजरात क्षत्रिय-ठाकोर सेना पर भाजपा ने हिन्दी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।
रूपाणी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ कांग्रेस ने पहले प्रवासियों के खिलाफ हिंसा भड़काई। कांग्रेस अध्यक्ष ने फिर इस हिंसा की निन्दा करने के लिए ट्वीट किया। क्या कांग्रेस अध्यक्ष को शर्म नहीं आती?’’
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर कांग्रेस अध्यक्ष गुजरात में हिंसा के खिलाफ हैं तो उन्हें अपने स्वयं के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है जिन्होंने गुजरात में प्रवासियों के खिलाफ हिंसा भड़काई है। ट्वीट करना कोई समाधान नहीं है, कार्रवाई करने से हल निकलेगा। लेकिन क्या वह कार्रवाई करेंगे?’’
रूपाणी ने कहा कि उनकी सरकार सभी नागरिकों को यह विश्वास दिलाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है कि वे गुजरात में सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर कहा, ‘‘ कांग्रेस अध्यक्ष को इस पर ट्वीट करने पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि उनकी खुद की पार्टी प्रवासियों के खिलाफ हिंसा भड़का रही है।’’
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी राज्य राजस्थान में अपनी रैली में यह मुद्दा उठाया और कहा कि राजस्थान, मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश के लोगों पर हमले किए जा रहे हैं और उन्हें भागने को विवश किया जा रहा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, ‘‘आपने मोदी पर विश्वास किया, लेकिन मोदी ने विश्वास को तोड़ दिया।’’ इससे पहले उन्होंने फेसबुक पोस्ट में कहा कि गुजरात में प्रवासी मजदूरों पर हमले कारोबार और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे नहीं हैं और सरकार को शांति स्थापित करने तथा हर भारतीय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए।
अल्पेश ठाकोर ने भी मंगलवार को अपने संगठन के खिलाफ भाजपा के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि प्रवासियों को निशाना बनाना पूरी तरह से गलत है और वह इसके खिलाफ हैं।
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ ज्यादातर हमलावर ठाकोर समुदाय से हैं… लेकिन यह आरोप उस लोकप्रियता को समाप्त करने की कोशिश है जो मैंने अपने संगठन के साथ 16 राज्यों में हासिल की है। मुझे अपमानित किया जा रहा है। मेरे या मेरे लेागों के खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है। सच की जीत होगी।’’
इस बीच, एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें अल्पेश ठकोर कथित रूप से प्रवासी मजदूरों के खिलाफ भाषण देते हुए दिख रहे हैं। इसे ही राज्य में हिंदी भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
ठाकोर उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले के भौचरजी नगर में एक सभा को संबोधित करते हुए कथित रूप से यह कहते नजर आते हैं, ‘‘ ये लोग जो बाहर से आए हैं, वे अपराध करते हैं। वे आम ग्रामीणों को पीटते हैं और अपने राज्य वापस चले जाते हैं। ऐसे लोगों के पास यहां मारुति और अन्य कंपनियों में नौकरियां हैं लेकिन हमारे लोगों के पास यहां नौकरी नहीं है।’’
संभवत: मोबाइल फोन से शूट किए गए इस वीडियो में वह कहते हैं ‘‘ अगर आप उन्हें भारतीय समझते हैं और उन्हें 20 फीसदी नौकरियां देते हैं…लेकिन गुजरातियों को ऐसे कारखानों से निकाला जा रहा है, गुजराती भूख से मर रहे हैं।’’ कुछ लोगों ने कहा कि वे डर गए हैं और आरोप लगाया कि उन्हें चले जाने या परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है।
अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर एक प्रवासी मजदूर ने पत्रकारों से कहा ‘‘कुछ लोग कल रात हमारे इलाके में आए थे और मुझसे तुरंत इलाका छोड़कर वापस अपने गृह राज्य में जाने के लिए कहा। ऐसा नहीं करने पर पीटने की धमकी दी। ’’
गुजरात में उत्तर भारतीयों के संगठन उत्तर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष श्याम सिंह ठाकुर ने कहा कि हालात सामान्य हो रहे हैं लेकिन लोग पहले ही जाने का फैसला कर चुके हैं और वे बसों और ट्रेनों में बैठकर राज्य से जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि अब तक 60,000 से ज्यादा हिन्दी भाषी प्रवासी मजदूर राज्य से जा चुके हैं।
श्याम सिंह ठाकुर ने कहा कि धमकी और डर का माहौल खत्म हो गया है और शांति लौट रही है। लोगों को अब धमकाया नहीं जा रहा है और उन्होंने कारखानों में काम शुरू कर दिया है। इस बीच, पुलिस लोगों में विश्वास बहाली के लिए प्रभावित औद्योगिक इलाकों में गश्त कर रही है।
वड़ोदरा के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलौत ने कहा, ‘‘ हिंदी भाषी प्रवासियों की सुरक्षा के लिए औद्योगिक इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। इन इलाकों से किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई है।’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमलों की निन्दा की और गुजरात की भाजपा सरकार पर हिंसा रोक पाने में विफल रहने का आरोप लगाया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के शीर्ष अधिकारी गुजरात के अपने समकक्षों के लगातार संपर्क में हैं। उन्होंने राज्य के लोगों से अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुके रहें।