गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी जंग काफी तेज हो गई है। सभी पार्टियां पूरे जोश के साथ काम कर रही है। कांग्रेस इस बार हाइपर-लोकल कैंपेन पर भी जोर दे रही है। पार्टी की योजना गैर-पाटीदार समुदाय के नेताओं को आगे लाने की है। इसके साथ ही सीधा मतदाताओं के साथ बैठक की जा रही है।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भी इस साल राज्य में अपने पूरे जोश के साथ आई है। बताया जा रहा है कि गुजरात में इस बार लड़ाई आप और कांग्रेस के बीच में है, वो भी भाजपा के खिलाफ सबसे बड़ा विपक्षी दल बनने की है।
कांग्रेस आलाकमान की ओर से टिकट बंटवारे में देरी
बता दे कि आप विधानसभा चुनाव के लिए पहले ही अपने 41 उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। कांग्रेस की तरफ से इसमें देर की जा रही है।कांग्रेस आलाकमान की ओर से टिकट बंटवारे में हो रही देरी के पीछे आप ही है। कांग्रेस को इस बात का डर है कि पार्टी के जिन नेताओं को इस बार टिकट नहीं मिला, उन्हें आप टिकट देकर लड़ा सकती है। 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 182 में से 77 जीतों पर जीत दर्ज की थी।
आप भाजपा की B टीम की तरह काम कर रही
कांग्रेस संसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिलने बताया, कि आप गुजरात में हमारी जगह कभी नहीं ले पाएगी। उन्होंने शंकर सिंह वाघेला से लेकर केशुभाई पटेल के नेतृत्व वाली पार्टियों को खारिज कर दिया है।आप भाजपा की B टीम की तरह काम कर रही है। वो केवल कांग्रेस को तोड़ने की कोशिश में लगी हुई है। भाजपा के बहुत से नेताओं ने AAP में शामिल होने में दिलचस्पी दिखाई है। उनका एकमात्र उद्देश्य हमें नुकसान पहुंचाना है, लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है।’