भारत के परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन कम करने में हरित परिवहन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) परमेश्वरन अय्यर ने बुधवार को यह बात कही। अय्यर ने ‘शून्य फोरम’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ाने के लिए वित्तपोषण की भूमिका महत्वपूर्ण है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत
उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्तपोषण से जुड़े जोखिमों को कम करने के तरीके खोजने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत का तेजी से शहरीकरण हो रहा है और इस तरह छोटे शहरों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है।
उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्तपोषण से जुड़े जोखिमों को कम करने के तरीके खोजने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत का तेजी से शहरीकरण हो रहा है और इस तरह छोटे शहरों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की जरूरत है।
रिजर्व बैंक प्राथमिकता-क्षेत्र ऋ
नीति आयोग और रॉकी माउंटेन इंस्टिट्यूट (आरएमआई) इंडिया द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में इलेक्ट्रिक वाहन वित्तपोषण बाजार का आकार बढ़ाने की पर्याप्त क्षमता है। यह बाजार 2025 तक 40,000 करोड़ रुपये और 2030 तक बढ़कर 3.7 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया कि ईवी खरीदने के लिए बैंकों और एनबीएफसी द्वारा दिए जाने वाले कर्ज को रिजर्व बैंक के प्राथमिकता-क्षेत्र ऋण (पीएसएल) दिशानिर्देशों में शामिल किया जाना
नीति आयोग और रॉकी माउंटेन इंस्टिट्यूट (आरएमआई) इंडिया द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में इलेक्ट्रिक वाहन वित्तपोषण बाजार का आकार बढ़ाने की पर्याप्त क्षमता है। यह बाजार 2025 तक 40,000 करोड़ रुपये और 2030 तक बढ़कर 3.7 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया कि ईवी खरीदने के लिए बैंकों और एनबीएफसी द्वारा दिए जाने वाले कर्ज को रिजर्व बैंक के प्राथमिकता-क्षेत्र ऋण (पीएसएल) दिशानिर्देशों में शामिल किया जाना