सरकार मणिपुर पर संसद में चर्चा को तैयार, लेकिन विपक्ष ढूंढ रहा हंगामा करने का मुद्दा: प्रह्लाद जोशी - Punjab Kesari
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सरकार मणिपुर पर संसद में चर्चा को तैयार, लेकिन विपक्ष ढूंढ रहा हंगामा करने का मुद्दा: प्रह्लाद जोशी

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि विपक्षी दलों की मांग को स्वीकार करते हुए

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि विपक्षी दलों की मांग को स्वीकार करते हुए सरकार संसद में मणिपुर पर चर्चा करने को तैयार है। मानसून सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गए सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार मणिपुर पर चर्चा करने को तैयार है। हालांकि, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों द्वारा मणिपुर हिंसा पर संसद में प्रधानमंत्री के जवाब या बयान देने की मांग को खारिज करते हुए जोशी ने कहा कि इस तरह के मामलों की नोडल एजेंसी गृह मंत्रालय है और विपक्ष अभी से यह मांग कर संसद में हंगामा करने का बहाना ढूंढ रहा है। सारा देश जानता है कि सदन में कौन हंगामा करता है।
उन्होंने कहा कि सरकार नियम और प्रक्रिया के मुताबिक सदन में मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। जब भी स्पीकर और चेयरमैन तारीख और समय तय करेंगे, सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने विपक्ष से सदन चलाने में सहयोग करने की अपील भी की। विपक्षी दलों द्वारा अपने गठबंधन का नाम इंडिया रखने पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नाम बदलने से कोई बदल नहीं जाएगा, लोग तो वही हैं। यह ओल्ड वाइन इन न्यू बॉटल जैसा मामला है। संसद का मानूसन सत्र नए भवन की बजाय पुराने भवन में ही करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि संसद के नए भवन में काम कब शुरू होगा, यह लोक सभा स्पीकर और राज्य सभा चैयरमैन तय करेंगे। 
जोशी ने बताया कि आज की सर्वदलीय बैठक में 34 पार्टियों के 44 नेता शामिल हुए। बैठक में सभी दलों ने अपनी-अपनी बात रखी। सभी दलों ने मणिपुर पर चर्चा की मांग की, सरकार चर्चा के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार की लिस्ट में 31 बिल हैं और यह आगे तय होगा कि कौन-कौन सा पेश किया जाएगा। बता दें कि लोक सभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मानसून सत्र के दौरान मणिपुर में हो रही हिंसा के मसले पर संसद में चर्चा कराए जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जवाब या बयान देने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष बिरला की अध्यक्षता में हुई सदन की बीएसी की बैठक और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में महंगाई, भारत चीन सीमा के हालात, भारत और चीन के बीच व्यापार, बाढ़ और केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे भारत के संघीय ढांचे पर हमले के मुद्दे पर भी चर्चा कराने की मांग की है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष मणिपुर, दिल्ली सरकार के अधिकारों से जुड़े अध्यादेश, ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे और महंगाई पर सदन में चर्चा चाहता है। आप सांसद संजय सिंह ने दिल्ली सरकार के अधिकारों से जुड़े विधेयक को सरकार द्वारा पहले नंबर पर रखने की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष इसका विरोध करेगा। उन्होंने पंजाब के राज्यपाल के रवैये का भी मुद्दा उठाया। बीजेडी ने महिला आरक्षण का मुद्दा उठाया तो वहीं जेडीयू ने जातीय जनगणना का मुद्दा सर्वदलीय बैठक में उठाया। 
शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता राहुल शेवाले ने सरकार से बालासाहेब ठाकरे के तीसरे सपने यानी समान नागरिक संहिता को पूरा करने के लिए सरकार से इसी सत्र में बिल लाये जाने की मांग की। केंद्रीय मंत्री एवं आरपीआई नेता रामदास अठावले ने देश में महिलाओं और दलितों पर बढ़ रहे अत्याचार का मुद्दा उठाते हुए इस पर सदन में चर्चा कराने की मांग की। कई राजनीतिक दलों ने बाढ़, महंगाई, दल-बदल कानून सहित कई अन्य मुद्दों को भी बैठक के दौरान उठाया। संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। 23 दिनों तक चलने वाले इस मानसून सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी।

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