2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करना सरकार का लक्ष्य, कैलाश चौधरी बोले- विशेषज्ञ समिति का हुआ गठन - Punjab Kesari
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2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करना सरकार का लक्ष्य, कैलाश चौधरी बोले- विशेषज्ञ समिति का हुआ गठन

सरकार ने कहा है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है

सरकार ने कहा है कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रश्न काल में एक सवाल के उत्तर में बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है जो 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के उपाय सुझाएगी।
किसानों की आमदनी में इजाफे के लिए केंद्र कर रही उपाय 
उन्होंने कहा कि इस समिति ने ऐसी उपयुक्त फसलों की सलाह दी है जिनकी लागत कम हैं और किसानों को उनके खेती उत्पादों के लिए पर्याप्त मात्रा में सहायता देना भी जरूरी है ताकि वे फसल पैदावार के लिए समुचित मात्रा में लोन ले सकें। इसमें उत्पादों के विपणन और ई-नाम का इस्तेमाल करने की सिफारिश की गई है। चौधरी ने बताया कि किसान सम्मान निधि ,प्रधानमंत्री किसान फसल बीमा योजना और न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी जैसे उपाय किए जा रहे हैं जिनसे किसानों की आमदनी में इजाफा किया जा रहा है।
नेचुरल फार्मिंग पर सरकार दे रही जोर 
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को पारंपरिक तरीके से खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है जिसमें जैव उर्वरकों तथा ऑर्गेनिक खेती पर ध्यान दिया जा रहा है और इस कार्यक्रम के तहत सरकार ने एक लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की पहचान की है तथा पारंपरिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 29 करोड़ रुपए निवेशित कि ए गए हैं जहां किसानों को जैविक खाद, बीज और अन्य सामग्री आसानी से उपलब्ध हो जाएगी। सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक खेती तथा मसालों की खेती को भी बढ़ावा दे रही है ताकि किसानों की आमदनी में इज़ाफा किया जा सके।
छोटे और मध्यम किसानों को दी जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 
मंड़ियों में बिचौलियों से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चूंकि हाल ही में नए कृषि कानूनों को वापिस लिया जा चुका है और अब किसान अपनी फसलों को बेचने के लिए ई-नाम एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा मंत्रालय उनकी आमदनी बढ़ाने के अन्य उपायों पर भी विचार कर रहा है। उन्होंने सदन को जानकारी दी कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि छोटे और मध्यम किसानों को दी जा रही है और भूमिहीन कृषक इसके दायरे में नहीं आते हैं।
बैंकों की तरफ से गलती होने पर किसानों को मिलेगा 12 प्रतिशत ब्याज
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के 5000 किसानों के नाम फसल बीमा योजना के तहत बैंकों की ओर से वेबसाइट पर अपलोडेड नहीं किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर किसानों ने प्रीमियम का भुगतान कर दिया है और यदि यह बैंकों की तरफ से गलती से किया गया है तो उन्हें किसानों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ मुआवजा देना होगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किसानों के कॉरपोरेट कंपनियों के चंगुल में फंसने संबंधी आंकड़ों के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ऐसा पूरा डाटा सुरक्षित है और यह किसी भी कंपनी को उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। इसके अलावा इस वर्ष दिसंबर तक किसान डिजीटल मिशन पर पांच करोड़ से अधिक किसानों के आंकड़े उपलब्ध करा दिए जाएंगे।

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