देश में इस समय यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा चल रही है। बता दें लॉ कमीशन ने देश की जनता और धार्मिक संगठनों से इस मुद्दे पर राय मांगी है।इस बीच अब जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा सलाह दी है कि केंद्र सरकार को यूसीसी के बारे में नहीं सोचना चाहिए, क्योंकि इससे सभी धर्मों के लोग नाराज हो जाएंगे।
आपको बता दें गुलाम नबी आजाद ने शनिवार को कहा कि ये अनुच्छेद 370 को हटाने जितना आसान नहीं है। न केवल मुस्लिम, बल्कि इसमें सिख, ईसाई, आदिवासी, पारसी, जैन और भी हैं। एक ही समय में इतने सारे धर्मों को नाराज करना किसी भी सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा और इस सरकार को मेरी सलाह है कि उन्हें ऐसा कदम उठाने के बारे में कभी नहीं सोचना चाहिए।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस कदम का विरोध किया
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूसीसी पर हालिया बयान के बाद इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में बहस तेज हो गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस कदम का विरोध किया है। इस मामले पर चर्चा के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी। इसके बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता कहा था कि कांग्रेस ने आश्वासन दिया है कि जब यूसीसी संसद में बहस के लिए आएगा तो पार्टी उनकी चिंताओं पर संज्ञान लेगी।
साथ ही गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर में चुनावों को लेकर कहा कि जब 2018 में विधानसभा भंग कर दी गई थी, तब से हम इंतजार कर रहे हैं कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव कब होंगे। जम्मू-कश्मीर के लोग राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं।