जाने-माने उड़िया साहित्यकार एवं पूर्व भारतीय राजदूत अबसार बेउरिया का शहर के एक निजी अस्पताल में बृहस्पतिवार तड़के निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे।
बेउरिया का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं।
बेउरिया जापान, रूस (पूर्व में यूएसएसआर), अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, म्यांमा, श्रीलंका और मेडागास्कर में भारतीय राजनयिक मिशन में कार्यरत रहे थे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 11 नवंबर को ओडिशा दौरे पर एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान उनसे मुलाकात की थी।
उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘पूर्व राजनयिक, लेखक, उड़िया अध्ययन एवं अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष अबसार बेउरिया के निधन की खबर के बारे में जानकर दुखी हूं। उन्होंने उड़िया भाषा में इंजीनियरिंग की किताबों के अनुवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिनका मैंने अपने ओडिशा दौरे के दौरान विमोचन किया था। परिवार और दोस्तों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बेउरिया के निधन पर शोक जताया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक ट्वीट में उनके हवाले से कहा, Òश्री अबसार बेउरिया को राष्ट्र के लिए उनकी सेवाओं को लेकर याद किया जाएगा।
मोदी ने उड़िया भाषा और संस्कृति के क्षेत्र में उनके योगदान की चर्चा करते हुए कहा, ‘उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।’
केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘मैं बेउरिया के निधन से बहुत दुखी हूं।’’
सेवानिवृत्त होने के बाद बेउरिया भुवनेश्वर में रह रहे थे और विभिन्न संगठनों से जुड़े थे। उनका ओडिशा की संस्कृति एवं साहित्य से घनिष्ठ लगाव था।
बेउरिया ने कटक के रेनशॉ कॉलेज से मानविकी में स्नातक किया था और यहां उत्कल विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की थी। आईएफएस (भारतीय विदेश सेवा) में शामिल होने से पहले बेउरिया ने एक बैंक अधिकारी और व्याख्याता के रूप में भी काम किया था।