खाद्य मंत्रालय : किसानो को अब तक 171,000 करोड़ रुपये का भुगतान - Punjab Kesari
Girl in a jacket

खाद्य मंत्रालय : किसानो को अब तक 171,000 करोड़ रुपये का भुगतान

भारत कृषि प्रधान देश रहा है और दुनिया में ज्यादा तर खेती हमारे देश में होती है। की

भारत  कृषि प्रधान देश रहा है और दुनिया में ज्यादा तर खेती हमारे देश में होती है।  की सबसे बड़ी गुड़ मंडी से लेकर फलमंडी तक हमारे यहां है।ऐसे में और फसल में हमारे किसान पीछे नहीं रहने वाले। अपने मेहनत से खेत को सींच कर सफल फसल का श्रेय किसान को जाता है।  किसानो को  उनकी मेहनत का उचित परिणाम मिलना चाहिए।  किसानो के लाभ से आम जान को अधिक राहत मिलेगी।विपणन सत्र 2022-23 के चल रहे धान खरीद कार्यों के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से 830 लाख टन से अधिक धान की खरीद की गई है, जिससे लगभग 1.22 करोड़ लोगों को लाभ हुआ है।
अब तक 171,000 करोड़ रुपये का भुगतान 
खाद्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 171,000 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे उनके खातों में  किया जा चुका है।  भारतीय खाद्य निगम, नोडल केंद्रीय एजेंसी, अन्य राज्य एजेंसियों के साथ मूल्य समर्थन योजना (एमएसपी पर) के तहत धान की खरीद करती है। ख़रीदे हुए धान को फिर मिल कर चावल बनाते है और विभिन्न खाद्य सुरक्षा योजनाओ के तहत जनता को बांटा जाता है।किसानो के ऊपर सरकारी एजेंसीओ को  फसल बेचने के लिए कोई क़ानूनी दबाव नहीं है वह अपनी उपज स्वतंत्र रूप से  कहीं भी बेच सकते है।  इस बीच, चल रहे रबी विपणन सीजन (आरएमएस) 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद में भी वृद्धि  हुई है। अब तक गेहूं की खरीद 262 लाख टन हुई है, जो पिछले साल की कुल खरीद 188 लाख टन से बहुत अधिक है।करीबन 55,680 करोड़ रुपये के एमएसपी भुगतान से खरीद कार्यो से 21.29 लाख के आसपास  किसान पहले से ही लाभ ले चुके है।
अधिक सहयोग  तीन खरीद वाले राज्य 
खरीद में अधिक सहयोग  तीन खरीद वाले राज्यों पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा से आया है, जिन्होंने क्रमश: 121.27 एलएमटी, 70.98 एलएमटी और 63.17 एलएमटी की खरीद की है।कटाई से पहले, प्रत्येक रबी या खरीफ फसल के मौसम के दौरान, केंद्र सरकार खरीद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है।गेहूं और चावल की संयुक्त स्टॉक स्थिति 570 एलएमटी तक पहुंच गई है जो देश को खाद्यान्न की अपनी जरूरतों  को पूरा करने के लिए एक आरामदायक स्थिति में रखती है। 
जाने कौन सी फसल ग्रीष्म , खरीफ और रबी 
भारत में तीन फसली मौसम होते हैं – ग्रीष्म ,खरीफ और रबी  जून-जुलाई में बोई जाने वाली और अक्टूबर-नवंबर में काटी जाने वाली फसलें खरीफ होती हैं। अक्टूबर-नवंबर के दौरान बोई जाने वाली फसलें और परिपक्वता के आधार पर जनवरी-मार्च में काटी जाने वाली फसल रबी है। रबी के बाद लेकिन खरीफ से पहले उत्पादित फसलें ग्रीष्मकालीन फसलें हैं।इस बीच, कृषि मंत्रालय के मुताबिक   कृषि वर्ष 2022-23 के लिए प्रमुख फसलों के उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 330.5 मिलियन टन आंका गया है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 15 मिलियन टन अधिक है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।