विद्युत संशोधन विधेयक के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन - Punjab Kesari
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विद्युत संशोधन विधेयक के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

देश के विभिन्न राज्यों के बिजली कर्मचारियों ने विद्युत संशोधन विधेयक के विरोध में बुधवार को यहां जंतर-मंतर

देश के विभिन्न राज्यों के बिजली कर्मचारियों ने विद्युत संशोधन विधेयक के विरोध में बुधवार को यहां जंतर-मंतर पर विरोध-प्रदर्शन किया।ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एपीआईएफ) ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति के अंतर्गत यह रैली आयोजित की गयी।
कर्मचारी विधेयक और बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण का विरोध करने के अलावा पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने तथा ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों की नौकरी पक्की करने की मांग कर रहे हैं।
शव्यापी हड़ताल करने को मजबूर होंगे
एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि हालांकि लोकसभा ने विधेयक ऊर्जा पर संसद की स्थायी समिति को भेज दिया है और समिति ने अबतक बिजली कर्मचारियों या उपभोक्ताओं से इसपर कोई चर्चा नहीं की है। ये दोनों क्षेत्र में प्रमुख पक्ष हैं।उन्होंने कहा कि संबंधित पक्षों को भरोसे में लिये बिना संसद में विधेयक पारित कराने के किसी भी एकतरफा प्रयास का पुरजोर विरोध किया जाएगा और सभी 27 लाख बिजली कर्मचारी तथा इंजीनियर इसके विरोध में देशव्यापी हड़ताल करने को मजबूर होंगे।
 निजी इकाइयों के विफल होने पर विश्लेषण की जरूरत 
दुबे ने कहा कि ग्राहकों को अपनी मर्जी की कंपनी से बिजली लेने का विकल्प देना पूरी तरह से गलत है।उन्होंने कहा कि वास्तव में इस संशोधन के जरिये केंद्र सरकार सरकारी वितरण कंपनियों के नेटवर्क के जरिये बिजली वितरण का काम निजी कंपनियों को देने जा रही है।दुबे ने कहा कि बिजली कानून, 2003 में कोई भी नया संशोधन करने से पहले ओडिशा में निजीकरण और देश के विभिन्न भागों में बिजली वितरण को लेकर निजी इकाइयों के विफल होने का पूरा विश्लेषण करने की जरूरत है।

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