मणिपुर में होने वाले वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर नेशनल पीपुल्स पार्टी ने रविवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र में अफस्पा को हटाना का वादा किया हैं। एनपीपी ने आज जारी अपने घोषणा पत्र में राज्य से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम इम्फाल में एनपीपी के कार्यालय में उपमुख्यमंत्री वाई जॉयकुमार सिंह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जयंतकुमार सिंह ने 28 पृष्टों का ‘एक्शन पीपल्स डॉक्यूमेंट’ जारी किया।
आज यहां जारी घोषणा पत्र में एनपीपी ने एक समावेशी और व्यापक प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न नागरिक समाज संगठनों के साथ चर्चा तथा सभी समुदायों के स्वदेशी अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने का भी वादा किया। उन्होंने घोषणपत्र में कहा है कि राज्य में निरंतर शांति बनाए रखने के लिए विद्रोही समूहों बातचीत प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करेगा।
मणिपुर में दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को विधानसभा चुनाव होने है।समारोह में मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और अरुणाचल प्रदेश के अध्यक्ष मुत्चू मीठी ने भाग लिया।
जाने क्या हैं अफस्पा
यह एक कानून है, जो भारतीय सुरक्षा बलों को देश में युद्ध जैसी स्थिति बनने पर अशांत क्षेत्रों में शांति व कानून-व्यवस्था बहान करने के लिए विशेष शक्तियां देता है। इसे 1958 में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अध्यादेश के तौर पर पेश किया गया था, बाद में इसी वर्ष संसद ने कानून के तौर पर पारित कर दिया था। इसके तहत सेना पांच या इससे ज़्यादा लोगों को एक जगह इक्ट्ठा होने से रोक सकती है। इसके तहत सेना को चेतावनी देकर गोली मारने का भी अधिकार है। ये कानून सेना को बिना वारंट के किसी को भी गिरफ्तार करने की ताकत देता है। इसके तहत सेना किसी के घर में बिना वारंट के घुसकर तलाशी ले सकती है। इस कानून को लेकर