कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार अपनी उपलब्धियों को लेकर लोगों को गुमराह कर रही है और उसके गलत फैसलों के कारण देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमर्रा गई है। शर्मा ने रविवार को कहा कि पिछले साढ़ चार साल में अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट दर्ज की गई है। किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए जो मापदंड होते हैं उनमें गिरावट आई है।
देश में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश लगातार कम हुआ है। लोगों की बचत दर में करीब छह प्रतिशत की गिरावट आई है। नये उद्योगों के नहीं लगाये जाने से औद्योगिक विकास शून्य के नीचे है तथा पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढोत्तरी सरकार की विफलता का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार देश की अर्थव्यवस्था को जहां छोड़कर गई थी वह उससे काफी नीचे आ गई है। वैश्विक आर्थिक संकट के समय में भी डॉ मनमोहन सिहं सरकार ने अर्थव्यवस्था को सुचारू गति देने में कामयाब रही थी। पिछली सरकार के दस साल के कार्यकाल में औसत राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7.8 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
देश के जीडीपी में एक दशक में चार गुणा बढोत्तरी ऐतिहासिक थी लेकिन वर्तमान सरकार में जीडीपी 7.1 या 7.2 दर्ज की गयी है। इस सरकार के दौरान बैंक कमजोर हुये हैं और उनकी गैर निष्पादित सम्पत्ति (एनपीए) 11 करोड़ लाख से ऊपर हो गयी है। देश में लगातार रोजगार के अवसर घट रहे है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि देश का वित्तीय घाटा लगातार बढ रहा है। इसके साथ ही निर्यात की दर में भी निरंतर गिरवट आ रही है।
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उन्होंने कहा कि मोदी सिर्फ बड़बोलेपन में विश्वास करते हैं उन्हें वास्तविकता से कुछ लेनादेना नहीं। प्रधानमंत्री लगातार देश को गुमराह कर रहे हैं। एक तरह अर्थव्यवस्था की हालत जर्जर हो रही है वहीं प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री अरुण जेटली देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की सबसे तेज गति से बढने वाली अर्थव्यवस्था बताकर लोगों के बीच भ्रम पैदा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री लगातार झूठे दावे कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के फैसले से न केवल कारखाने बंद हुए बल्कि करोड़ो लोगों की नौकरी चली गई। नोटबंदी के बारे में बड़े-बड़े दावे किये गये और इसके फायदे गिनाये गये लेकिन सब विफल हो गये। इसके साथ ही वस्तु एवं सेवाकर को जिस प्रकार जटिल बनाकर लागू किया गया है उससे देश के लोगों को परेशान किया गया है।
आनंद शर्मा ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि देश में ऐसा माहौल बनाया है कि लोगों को बैंकों में पैसा रखने पर भरोसा नहीं है। लोगों को अब लगने लगा कि बैंकों में उनका पैसा सुरक्षित नहीं है। बता दें कि मोदी ने 2014 में कहा था कि उनके प्रधानमंत्री बनने पर एक डॉलर 40 रुपया के बराबर हो जाएगा लेकिन हालत बदतर हो गई है और एक डॉलर 70 रुपये का हो गया है। पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढोत्तरी सरकार की विफलता का ही प्रमाण है।