शशि थरूर का केंद्र पर निशाना, बोले- सरकार की नीतिगत अदूरदर्शिता के कारण अर्थव्यवस्था अवरोधों और अनिश्चय से जूझ रही - Punjab Kesari
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शशि थरूर का केंद्र पर निशाना, बोले- सरकार की नीतिगत अदूरदर्शिता के कारण अर्थव्यवस्था अवरोधों और अनिश्चय से जूझ रही

शशि थरूर ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पहले नोटबंदी और फिर कोविड महामारी के

कांग्रेस के दिग्गज नेता और सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर कड़ा वार किया। थरूर ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पहले नोटबंदी और फिर कोविड महामारी के प्रभाव के साथ नीतिगत फैसलों में अदूरदर्शिता के कारण देश की अर्थव्यवस्था अवरोधों और अनिश्चय की स्थिति से जूझ रही है और हर जगह संकट की स्थिति है।  
इसकी बुनियाद साल 2016 में नोटबंदी के फैसले से ही रख दी गई थी 
निचले सदन लोकसभा में 2021-22 की पूरक अनुदान मांगों के दूसरे बैच पर चर्चा की शुरूआत करते हुए हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘‘महामारी के बीच देश आज संकट की स्थिति से जूझ रहा है, लेकिन इसकी बुनियाद साल 2016 में नोटबंदी के फैसले से ही रख दी गई थी।’’ उन्होंने दावा किया कि ऐसे में सरकार अवास्तविक लक्ष्यों के लिए आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है और वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत लंबी-चौड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगें इस बात का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को पारदर्शी आंकड़े और वास्तविक लक्ष्य रखने चाहिए।  
आम आदमी को लंबे समय तक इसकी परेशानियां झेलनी पड़ेंगी 
उन्होंने कहा कि सरकार विनिवेश के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में विफल रही है। थरूर ने कहा कि एअर इंडिया के निजीकरण के बाद देश के करदाताओं पर बोझ पड़ेगा और लंबे समय तक इसकी परेशानियां झेलनी पड़ेंगी। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि महामारी से ग्रामीण इलाकों पर भी प्रभाव पड़ा है और ऐसे में अनुपूरक मांगों में मनरेगा के लिए 22,039 करोड़ रुपये की मांग अपर्याप्त है।  
थरूर ने दावा किया कि वित्त मंत्री ने इस साल बजट में रक्षा क्षेत्र पर कुछ नहीं कहा था और अनुपूरक मांगों में भी रक्षा क्षेत्र के लिए कोई धन की अनुमति नहीं मांगी गयी है। उन्होंने कृषि क्षेत्र को भी नजरंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार मनरेगा को कितना कम महत्व देती है, यह बात कम आवंटन से पता चलती है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने जिस तरह से ‘‘खेती और रक्षा के क्षेत्र को छोड़ दिया है, उससे लगता है कि यह ‘जय जवान, जय किसान’ नहीं बल्कि ‘ना जवान, ना किसान’ का कालखंड है।’’ 
सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत रखने के लक्ष्य को हासिल करने में सफल नहीं होगी 
कांग्रेस सांसद ने कहा कि नकदी प्रवाह की वर्तमान स्थिति से पूरी तरह से स्पष्ट है कि सरकार राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद का 6.8 प्रतिशत रखने के लक्ष्य को हासिल करने में सफल नहीं होगी। थरूर ने महिला एवं बाल विकास विभाग को आवंटन को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि संसद की स्थायी समिति ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजना पर आवंटन के कम उपयोग करने की ओर भी इशारा किया है। 
कांग्रेस नेता ने कहा कि विनिवेश उस गति से आगे नहीं बढ़ा जिस प्रकार सरकार ने अनुमान व्यक्त किया था और वह बार-बार विनिवेश के लक्ष्यों को हासिल करने में विफल रही। उन्होंने कहा कि यह अनुदान की मांगों में एअर इंडिया होल्डिंग एसेट कंपनी लिमिटेड के लिये 6,257 करोड़ रूपये के प्रावधान से स्पष्ट होता है।

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