श्रीलंका के मुद्दे पर मंगलवार को हुई सर्वदलीय बैठक में द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने कहा कि पड़ोसी देश को मानवीय सहायता प्रदान करते हुये भारत को श्रीलंका पर तमिल बहुसंख्यक उत्तरी और पूर्वी प्रांतों को अधिक स्वायत्तता देने के लिये दबाब बनाना चाहिये।बैठक में द्रमुक का प्रतिनिधित्व करते हुए उसके वरिष्ठ नेता टी आर बालू ने विदेश मंत्री एस जयशंकर की मौजूदगी में यह टिप्पणी की। बैठक में मरुमलार्ची द्रविड मुनेत्र कषगम (एमडीएमके) नेता वाइको ने भी ऐसी ही मांग की।
जयशंकर ने मंगलवार को सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं को आर्थिक उथल-पुथल के भयावह दौर से गुजर रहे श्रीलंका की स्थिति और भारत द्वारा प्रदान की जा रही सहायता के बारे में जानकारी दी।ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सर्वदलीय बैठक पर राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए भारतीय राज्यों के वित्त के बारे में ‘असंबंधित मुद्दों’ को उठाया।
सूत्रों के अनुसार, सर्वदलीय बैठक के दौरान राज्यों के वित्तीय स्वास्थ्य पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय की एक प्रस्तुति में वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और द्रमुक जैसे कुछ क्षेत्रीय दलों ने आपत्ति जताई।विपक्षी दलों द्वारा उठाई गई आपत्ति की पुष्टि करते हुए, ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार ने भारतीय राज्यों के वित्त के बारे में ”असंबंधित मुद्दों” को उठाने के लिए बैठक का इस्तेमाल किया।