दिल्ली सेवा बिल: राज्यसभा में पांच सदस्यों के नाम बिना सहमति के प्रस्ताव में डाले गए, राघव चड्ढा पर लगा आरोप - Punjab Kesari
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दिल्ली सेवा बिल: राज्यसभा में पांच सदस्यों के नाम बिना सहमति के प्रस्ताव में डाले गए, राघव चड्ढा पर लगा आरोप

गृह मंत्री अमित शाह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन के दो सदस्य कह रहे

Highlights:
  • राघव चड्ढा के प्रस्ताव को लेकर कड़ी आपत्ति 
  • सहमति के बिना प्रस्ताव में डाले गए नाम 
  • राघव चड्ढा पर अमित शाह ने बोला तीखा हमला 
बीते सोमवार उच्च सदन यानी राज्यसभा में का पूरा दिन दिल्ली सेवा बिल के नाम पर समर्पित रहा। गुरुवार को लोकसभा से पारित होने के बाद इस बिल को राज्यसभा में पेश किया गया। जहां पूरे दिन इस पर चर्चा हुई और यह बिल पारित हो गया।  दिल्ली सेवा बिल के पक्ष में 131 वोट डाले गए तो इसके विरोध में विपक्षी सासंदों की ओर से सिर्फ 102 वोट पड़े। अब इस बिल पर राष्ट्रपति की मुहर लगना बाकी है. इसके बाद यह कानून बन जाएगा लेकिन इस बीच एक ऐसा मुद्दा भी राजयसभा में उठा जिसमे आप सांसद राघव चड्ढा पर गंभीर आरोप लगे है। 
राघव चड्ढा के प्रस्ताव को लेकर कड़ी आपत्ति 
राज्यसभा में सोमवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को प्रवर समिति के पास भेजे जाने संबंधी आप सदस्य राघव चड्ढा के प्रस्ताव को लेकर सत्ता पक्ष के पांच सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में उनके नाम डाले गए और इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजा जाए।
सहमति के बिना प्रस्ताव में डाले गए नाम 
उच्च सदन में जब ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ पर चर्चा पूरी हो गयी तब उपसभापति हरिवंश ने इसे पारित करवाने के क्रम में विपक्षी सदस्यों द्वारा लाए गए संशोधनों को रखवाना शुरू किया। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा का प्रस्ताव आया जिन्होंने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव था और इसमें समिति के सदस्यों के नाम भी थे।
इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि सदन के दो सदस्य कह रहे हैं कि उनके नाम उनकी सहमति के बिना प्रस्ताव में डाले गए और प्रस्ताव पर उनके हस्ताक्षर नहीं है। शाह ने कहा कि यह जांच का विषय है।
राघव चड्ढा पर अमित शाह ने बोला तीखा हमला 
शाह ने कहा, ‘‘यह मामला अब सिर्फ दिल्ली में फर्जीपने का नहीं है। यह सदन के अंदर फर्जीपने का मामला है।’’ उन्होंने दोनों सदस्यों के बयान दर्ज करवा कर इस मामले की जांच करवाने के लिए कहा।बीजू जनता दल के सस्मित पात्रा ने कहा कि प्रवर समिति में उनका नाम रखने के लिए उनसे सम्मति नहीं ली गयी थी। उन्होंने कहा कि यह विशेषाधिकार हनन का मामला है।
इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि चार-पांच सदस्यों ने कहा है कि उन्होंने समिति में अपना नाम नहीं भेजा है और इसकी जांच की जाएगी।अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई ने कहा कि उन्होंने भी प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।गृह मंत्री शाह ने इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजे जाने की फिर मांग की।

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