दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की चीफ स्वाति मालीवाल ने कहा कि उन्होंने यहां मणिपुर से लकवाग्रस्त भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे के परिवार के सदस्यों से भेंट की और उनकी पत्नी ने उन पर हुई हिंसा की भयावह कहानी सुनाई।
मणिपुर के भाजपा विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे के परिवार के सदस्यों से मिली
स्वाति ने ट्वीट करके कहा कि मैं दिल्ली में मणिपुर के भाजपा विधायक वुंगज़ागिन वाल्टे के परिवार के सदस्यों से मिली। उनकी पत्नी ने बताया कि वह कैसे भयावह हिंसा के शिकार हुए। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि मणिपुर के सीएम आज तक उनसे नहीं मिले हैं, जिससे उनका दिल टूट गया। ‘लकवाग्रस्त होने के बावजूद वाल्टे का दिल अभी भी अपने लोगों के लिए धड़कता है।
सीएम को फोन कर पुलिस और सीआरपीएफ के जवान भेजने की गुहार लगा रहे थे – वाल्टे की पत्नी
स्वाति ने बताया कि उस भयावहता को याद करते हुए वाल्टे की पत्नी ने कहा उस भयावहता को याद करते हुए वाल्टे की पत्नी ने कहा कि यह भयानक था, सुबह से ही भीड़ वहां जमा होने लगी और उन्होंने सारी संपत्ति नष्ट कर दी और घरों में आग लगा दी। उन्होंने कहा कि मेरे पति को रात में नींद नहीं आती थी। वह सीएम को फोन कर पुलिस और सीआरपीएफ के जवान भेजने की गुहार लगा रहे थे। 4 मई को सुबह करीब 9 बजे मेरे पति मीटिंग के लिए सीएम के बंगले पर गये. जब उन्होंने बैठक खत्म की तो दूसरे विधायक एलएम खौटे भी वहां मौजूद थे। इधर-उधर भाग रही भीड़ ने मेरे पति को देखा, उन्हें उनके ड्राइवर के साथ वाहन से बाहर खींच लिया और उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी।
डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनके गाल की हड्डी टूट गई वाल्टे की हालत गंभीर है। –वाल्टे की पत्नी
उन्होंने आगे बताया कि उनके पति की जेब में आदेश की प्रति यांनी ऑर्डर की कॉपी थी जिसे भीड़ ने निकाल लिया। इसके बाद भीड़ ने उनके निजी सुरक्षा गार्ड को सेल फोन सौंप दिया और फिर उसकी पिटाई कर दी। निजी सुरक्षा गार्ड घटना की रिपोर्ट करने थाने गया, लेकिन उस समय पुलिस ने कुछ नहीं किया। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनके गाल की हड्डी टूट गई वाल्टे की हालत गंभीर है। साथ ही डॉक्टरों ने यहां तक कह दिया था कि अगर वे वाल्टे को अस्पताल लाने में देरी करते तो उनकी मौत हो सकती थी।
जब स्वाति ने उनसे पूछा कि क्या मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह उनके पति से मिले हैं, तो उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया।