आज 2022 का आखिरी दिन है। साल के आखिरी दिन में कच्चे तेल की कीमत में बढोतरी हुई है। यह लगातार दूसरा साल है जब कच्चे तेल के दाम में इजाफा हुआ है। साल के शुरुआती महीनों में रूस-यूक्रेन वॉर की वजह से कच्चे तेल के दाम रिकॉर्ड तोड़ रहे है।
उसके बाद दुनिया के सबसे बड़े कच्चा तेल आयातक चीन की ओर से डिमांड में कमी देखने को मिली और दाम कम हो गए। उसके बाद जीडीपी में गिरावट के कारण क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट आई। उसके बाद भी साल 2022 में कच्चे तेल का कीमत बड़ गई। और एक बार फिर क्रूड ऑयल के दाम में करीब 3 फीसदी की तेजी देखने को मिली है।
कितना हुआ इजाफा
2021 में 50 फीसदी इजाफा होने के बाद , साल 2022 में ब्रेंट में लगभग 10 फीसदी की वृद्धि हुई। पिछले वर्ष के 55 फीसदी के लाभ के बाद, 2022 में अमेरिकी क्रूड लगभग 7 फीसदी बढ़ा। दोनों बेंचमार्क 2020 में तेजी से गिरे थे। इसके बाद COVID-19 महामारी ने फ्यूल की मांग को कम कर दिया था।
अगले साल कीमत हो सकती है कम
आईएनजी विश्लेषक इवा मांथे ने कहा कि कमोडिटी बाजारों के लिए यह एक असाधारण वर्ष रहा है, सप्लाई जोखिम के कारण अस्थिरता बढ़ी है और कीमतें बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि अगला साल अनिश्चितता का एक और साल होने वाला है, बहुत सारी अस्थिरता देखने को मिल सकती है। साल के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड लगभग 3 फीसदी के इजाफे के साथ 86 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ।