राज्यसभा के 30 फीसदी से ज्यादा सांसदों के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं। इसका दावा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा के 33 फीसदी यानी 225 में से 75 सांसद दागी हैं। इन सांसदों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में आपराधिक मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 18 प्रतिशत यानी 41 सांसदों के खिलाफ गंभीर धाराओं में क्रिमिनल केस दर्ज हैं, जबकि दो सांसदों पर हत्या यानी IPC की धारा 302 के तहत केस दर्ज हैं। वहीं, चार ऐसे राज्यसभा सांसद हैं जिन पर महिलाओं के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं।
राज्यसभा के 233 में से 225 सांसदों पर क्रिमिनल केस
बता दें कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच ने राज्यसभा के 233 में से 225 सांसदों के क्रिमिनल, फाइनेंशियल और अन्य जानकारियों का विश्लेषण किया है। फिलहाल, राज्यसभा में एक सीट खाली है, जबकि तीन सासंदों के शपथपत्र न होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं किया गया है। वहीं, जम्मू-कश्मीर की 4 सीटें अपरिभाषित हैं।
एफिडेविट के आधार पर किया गया है एनालिसिस
ये विश्लेषण राज्यसभा चुनावों और उसके बाद हुए उपचुनावों से पहले कैंडिडेट्स की ओर से पेश किए गए शपथपत्रों पर बेस्ड है। हाल ही में खत्म हुए राज्यसभा चुनाव (जुलाई 2023) के 11 नवनिर्वाचित सांसदों की डिटेल भी इस रिपोर्ट में शामिल है।
महाराष्ट्र के 19 में से 12 यानी 63 प्रतिशत, बिहार के 16 में से 10 यानी 63 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश के 30 में से 7 यानी 23 प्रतिशत, तमिलनाडु के 18 में से 6 यानी 33 प्रतिशत, केरल के 9 में 6 यानी 67 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल के 16 में से 5 सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।