स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने के लिए भारी भीड़ आने का सिलसिला जारी, मात्र 10 दिन में उमड़े एक लाख से अधिक पर्यटक - Punjab Kesari
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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने के लिए भारी भीड़ आने का सिलसिला जारी, मात्र 10 दिन में उमड़े एक लाख से अधिक पर्यटक

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के तौर पर गुजरात के नर्मदा जिले में केवडिया के निकट साधु बेट

दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति के तौर पर गुजरात के नर्मदा जिले में केवडिया के निकट साधु बेट पर स्थापित सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने के लिए पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ने का सिलसिला आज भी जारी रहा और आज मात्र दसवें दिन ही उनकी संख्या एक लाख को पार कर गयी।

आज दसवें दिन 33576 लोगों ने वहां का दौरा किया जिससे टिकटों के जरिये 33 लाख 62 हजार से अधिक की आय हुई। इसके साथ ही अब तक की ऐसी आय का आंकड़ भी दो करोड़ दस लाख हो गया।

गत 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों अनावृत इस विशाल प्रतिमा को गत एक नवंबर से कल तक लगभग 75 हजार लोग देख चुके थे और इसके चलते टिकटों की बिक्री से इसका देखरेख करने वाली संस्था सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट को पौने दो करोड़ रूपये की कमाई हो चुकी थी। आज सुबह से भी भारी भीड़ जुटी।

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भीड़ के कारण आज भी सभी प्रमुख स्थलों पर पुलिस की तैनाती थी। यहां शहर से लेकर आठ से दस किलोमीटर लंबा जाम लगने पर एसपी महेन्द, बगडिया ने खुद ही इसे व्यवस्थित करने की कमान संभाली। केवल श्रेष्ठ भारत भवन के नियत पार्किंग स्थल की बजाय पूरे शहर में पार्किंग की छूट दी गयी।

ज्ञातव्य है कि इस मूर्ति में हृदय के स्थान पर आधार से लगभग 153 मीटर की ऊंचाई पर बनी व्यूइंग गैलरी पर एक दिन में अधिकतम 5000 लोग ही जा सकते हैं पर पिछले दो दिन से इससे अधिक लोगों को वहां ले जाया जा रहा है। बड़ संख्या में प्रवासी इसे देखने से भी वंचित रह जा रहे हैं। आज भी दोपहर 12 बजे ही इसके लिए टिकटों की बिक्री बंद कर दी गयी।

कल करीब साढ़ 23 हजार पर्यटक यहां पहुंचे थे। दीवाली और गुजराती नववर्ष की छुट्टियों के कारण भी यहां अधिक भीड़ हो रही है। पर्यटकों के वाहन को यहां रोक दिया जाता है और उन्हें विशेष बसों में यहां से लगभग साढ़ तीन किमी दूर स्थित मूर्ति और अन्य संबंधित स्थलों को दिखाया जाता है।

करीब ढाई हजार करोड़ रूपये की लागत से 33 माह में तैयार इस प्रतिमा के पास प्रतिदिन अधिकतम 15000 पर्यटकों के पहुंचने का शुरूआती अनुमान लगाया गया था। यहां से चलने वाली बस में पर्यटकों से 30 रूपये प्रति व्यक्ति और मूर्ति के ऊपर व्यूइंग गैलरी तक जाने के लिए प्रति व्यस्क 350 और बच्चों के लिए 200 रूपये जबकि स्टेच्यू के केवल पांव तक जाने के लिए 120 और 60 रूपये लिये जा रहे हैं। इसे हर सोमवार को मेंटेनेंस के लिए बंद रखा जाता है।

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