कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ में सीबीआई कार्यालय के निकट विरोध प्रदर्शन किया  - Punjab Kesari
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़ में सीबीआई कार्यालय के निकट विरोध प्रदर्शन किया 

चंडीगढ़ : सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा से अधिकार छीनकर उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र सरकार

चंडीगढ़ : सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा से अधिकार छीनकर उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ शुक्रवार को कांग्रेस की पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ इकाइयों ने यहां सीबीआई कार्यालय के निकट विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से माफी की मांग की। पुलिस ने बताया कि सेक्टर 30 में स्थित सीबीआई कार्यालय की ओर जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया था। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक पार करने की कोशिश की जिसके बाद उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।

पुलिस ने बताया कि इसके बाद प्रदर्शनकारियों को पीछे हटना पड़ा। कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने प्रदर्शनकारियों के एक समूह का नेतृत्व किया जिसमें अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के मंत्रियों समेत कई नेता शामिल हुए। हरियाणा कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की नेता किरण चौधरी और पूर्व रेल मंत्री पवन कुमार बंसल उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने प्रदर्शन में हरियाणा और चंडीगढ़ की तरफ से हिस्सा लिया। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता आशा कुमारी और हरीश चौधरी ने भी इसमें हिस्सा लिया। विजय इंदर सिंगला,सुखजिंदर सिंह रंधावा, शाम सुंदर अरोड़ा समेत पंजाब के कई मंत्री पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए।

कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि प्रधानमंत्री इस मामले में माफी मांगे। उनका कहना है कि सीबीआई निदेशक को हटाना ‘अवैध, असंवैधानिक ए‍वं अनुचित’ है और यह देश और इसकी प्रमुख जांच एजेंसी का अपमान है। जाखड़ ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की कार्रवाई से उसके निरंकुश व्यवहार का पता चलता है। पंजाब के मंत्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि मोदी को सीबीआई प्रमुख को ‘‘अनौपचारिक ढंग से’’ हटाने के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री के लिए उन्हें हटाना संवैधानिक रूप से गलत है। उन्होंने कहा कि प्रधान न्यायाधीश, विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री की एक समिति एजेंसी के निदेशक की नियुक्ति करती है।

उन्होंने कहा,‘‘लेकिन सरकार ने उन्हें हटाने के लिए असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक कदम उठाया। जब राफेल सौदे के बारे में एक जांच शुरू होने वाली थी तो प्रधानमंत्री ने आधी रात में सीबीआई निदेशक को हटा दिया था जिससे संशय पैदा होते है।’’ किरण चौधरी ने कहा कि भारतीय इतिहास में पहली बार पिछले कई वर्षों में बनाये गये संस्थानों को सरकार द्वारा ध्वस्त किया जा रहा है। गौरतलब है कि सरकार ने मंगलवार को वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था। कई सीबीआई अधिकारियों का तबादला कर दिया गया और एम नागेश्वर राव को एजेंसी का अंतरिम प्रमुख बनाया गया।

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