चीनी ऐप के धोखे से कांग्रेस भड़की कहा, चीनी ऋण ऐप की जालसाजी को लेकर सरकार मूकदर्शक क्यों बनी हुई - Punjab Kesari
Girl in a jacket

चीनी ऐप के धोखे से कांग्रेस भड़की कहा, चीनी ऋण ऐप की जालसाजी को लेकर सरकार मूकदर्शक क्यों बनी हुई

आमतौर पर कांग्रेस और बीजेपी में किसी न किसी बात पर तनाव बना रहता है। ऐसे ही अब

आमतौर पर कांग्रेस और बीजेपी में किसी न किसी बात पर तनाव बना रहता है। ऐसे ही अब ये तनाव कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक ऐप को लेकर बन गया है। जानकारी के आधार पर कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि चीनी ऋण ऐप की जालसाजी के कारण कई लोग आत्महत्या करने को मजबूर हुए हैं, लेकिन सरकार ने कोई उचित कार्रवाई नहीं की। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सवाल किया कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले पर मूकदर्शक क्यों बने हुए हैं? उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछले 2 साल में चीनी ऋण एप, जिनकी संख्या लगभग 1100 हो चुकी है, उनमें से 600 अवैध हैं। 2017-2020 के बीच इन ऋण एप से डिजिटल ट्रांजेक्शन में 12 गुना की वृद्धि हुई है।’’ वल्लभ ने दावा किया, ‘‘चीनी ऋण एप के कारण देश के 52 लोग आत्महत्या कर चुके हैं।’’ उनका कहना था, ‘‘कोरोना के बाद मध्यम व निम्न आय वर्ग के परिवारों को भयंकर आर्थिक चोट लगी। एक तो उनकी नौकरी गई ऊपर से महंगाई की मार। इस दौरान रोजमर्रा के खर्च के लिए वे इन चीनी लोन एप के शिकंजे में फंस गए।’’ कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘इन चीनी ऋण लोन एप के द्वारा चीन के पास हवाला के जरिए 500 करोड़ रुपये भेजे गए हैं। 
चीनी ऋण एप की जालसाजी को लेकर सरकार मूकदर्शक क्यों बनी हुई है: कांग्रेस
मतलब पहले बेरोजगारी दो, फिर महंगाई दो और फिर इनसे निपटने के लिए जनता को चीनी एप से पैसा लेने के लिए बोल दो।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या जांच एजेंसियों का काम सिर्फ विपक्षी दल के नेताओं को फिजूल में परेशान करना है या इन 500 करोड़ रुपयों की भी जांच की जाएगी? क्या डिजिटल इंडिया का मतलब यह है कि भारत के लोगों का डाटा चीन की कंपनियों को प्लेट में सजाकर दे दिया जाए?’’वल्लभ ने यह भी पूछा, ‘‘ भारत सरकार किसका इंतजार कर रही है? सरकार और मोदी जी मूकदर्शक क्यों बने हुए हैं?’’ उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के बीते मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में कहा था कि सरकार संदिग्ध ऋण एप के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। 
 ऋण लेने वाले कई लोगों को परेशान किया जा रहा 
उन्होंने कहा था कि उन भारतीय लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है जिन्होंने ऐसे एप को स्थापित करने में मदद दी है। वित्त मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक सवाल का जवाब देते हुए यह भी कहा था कि ज्यादातर संदिग्ध एप एक विशेष देश से जुड़े हैं और ऋण लेने वाले कई लोगों को परेशान किया जा रहा है और इन एप के जरिए पैसे उगाहे जा रहे हैं। मंत्री से चीनी कंपनियों से जुड़ी संदिग्ध डिजिटल ऋण एप को लेकर सवाल किया गया था जो ऋण देने में भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।