चीन के साथ सैन्य स्तर की बातचीत की जानकारी देने के लिए सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। कांग्रेस ने बुधवार को सरकार से आग्रह किया कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव को लेकर वह सभी राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं की बैठक बुलाकर दोनों देशों के बीच हो रही सैन्य स्तर की वार्ता तथा पिछले तीन साल के घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दे। पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा कि बेहतर होता कि चीन के मामले में संसद के भीतर चर्चा होती, लेकिन संसद की कार्यवाही बाधित होने के कारण अब सरकार को विपक्षी दलों की बैठक बुलाकर उन्हें भरोसे में लेना चाहिए।
कोई जवाब नहीं आया है
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीन की घुसपैठ को तीन साल हो गए हैं, लेकिन कुछ बुनियादी सवाल हैं जो चिंता का विषय बने हुए हैं और जिन पर सरकार की ओर से 35 महीनों में कोई जवाब नहीं आया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर एक साथ कई स्थानों पर घुसपैठ कैसे हुई?’’ तिवारी ने कहा कि एलएसी पर शांति बनाए रखने और स्थिति को संभालने को लेकर दोनों देशों के बीच तय व्यवस्था पहले से थी, लेकिन फिर भी यह स्थिति पैदा हुई।
जिनपिंग से मिले और 5 बार चीन गए हैं
उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2013 से लेकर अब तक 19 बार शी जिनपिंग से मिले और 5 बार चीन गए हैं। इसके बावजूद 2014 में चुमार, 2017 में डोकलाम, 2020 में गलवान की घटना और 2022 में तवांग में झड़प हुई।’’ कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में चीन के साथ व्यापार तेजी से बढ़ा है। पिछले साल चीन के साथ 136 अरब डॉलर का व्यापार हुआ जिनमें से भारत ने 119 अरब डॉलर का आयात किया। इस व्यापार असंतुलन से चीन को फायदा मिल रहा है।’
सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए
उन्होंने कहा, ‘‘संसद नहीं चल रही है। बेहतर यह होता कि संसद में इस विषय पर चर्चा होती। हम यह मांग करना चाहते हैं कि सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। पूरे विपक्ष के शीर्ष नेताओं को भरोसे में लेकर सरकार को यह बताना चाहिए कि तीन वर्षों का पूरा घटनाक्रम क्या है। सैन्य वार्ता के बारे में भी जानकारी देनी चाहिए।’’