कांगेस ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में रिकार्ड मतों से भारत के निर्वाचित होने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि दुनिया ने हमारी सोच का समर्थन किया है और मानवाधिकारों के लिए हमारी प्रतिबद्धता पर मोहर लगायी है। कांग्रेस ने शनिवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार से संबंधी शीर्ष संस्था में भारत पांचवी बार निर्वाचित हुआ है और विश्व समुदाय ने मानवाधिकार की रक्षा के लिए हमारी प्रतिबद्धता पर विश्वास जताया है।
भारत न सिर्फ अपने नागरिकों के मानवाधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है बल्कि पूरी दुनिया के मनुष्यों के मानवाधिकार का समर्थक है। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा में शुक्रवार को हुए मतदान में 18 नये सदस्यों का चुनाव किया गया जिनमें भारत को एशिया-प्रशांत श्रेणी में सभी उम्मीदवार देशों की तुलना में सर्वाधिक वोट मिले। भारत को 193 देशों में से 188 देशों के वोट हासिल हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के नये सदस्यों का कार्यकाल एक जनवरी 2019 से शुरू होगा जो अगले तीन साल तक के लिए होगा। एशिया-प्रशांत क्षेत्र से मानवाधिकार परिषद में कुल पांच सीटें हैं, जिनके लिए भारत के अलावा बहरीन, बंगलादेश, फिजी और फिलीपींस ने अपना नामांकन भरा था। परिषद के सदस्यों ने गुप्त मतदान किया था। परिषद में चुने जाने के लिए किसी भी देश को कम से कम 97 वोटों की जरूरत होती है। भारत इससे पहले भी 2011 से 2014 और 2014 से 2017 तक दो बार मानवाधिकार परिषद का सदस्य रह चुका है।