डसॉल्ट के सीईओ के न्यूज एजेंसी एएनआई पर दिए जाने पर कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल उठाते हुए कहा राफेल घोटाले को दबा नहीं सकते है। साथ ही उन्होंने कहा कानून का पहला नियम होता है कि सह आरोपी और सामान रूप से लाभार्थियों के बयानों का कोई मूल्य नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि कानून का दूसरा नियम होता है कि लाभार्थी और आरोपी अपने मामले में खुद जज नहीं हो सकता है। सुरजेवाला ने कहा कि एक दिन सच के बाहर आने का एक तरीका होता है। सीईओ ने कहा हमारी पहली डील साल 1953 में नेहरू के साथ हुई थी। हम भारतीय वायुसेना और भारत सरकार को फाइटर्स जैसे प्रोडक्ट्स की आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने खुद अंबानी को चुना। हमारे रिलायंस के अलावा 30 अन्य पार्टनर्स भी हैं। इस सौदे का भारतीय वायुसेना इसलिए समर्थन कर रही है क्योंकि उन्हें खुद की रक्षा के लिए फाइटर्स जेट्स की आवश्यकता है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, राफेल के कीमत को लेकर सीईओ ने कहा कि वर्तमान विमान 9% सस्ते हैं। 36 विमानों की कीमत उतनी ही है जितनी 18 विमानों की थी। 18 से 36 दोगुना है। ऐसे में यह कीमत दोगुनी हो जानी चाहिए थी। लेकिन यह सरकार से सरकार के बीच का सौदा है तो हमें 9 फीसदी तक कीमतें कम करनी पड़ी। एरिक ने कहा कि पहले टाटा और अन्य कंपनियों से भी टाईअप के लिए बातचीत हुई थी। साल 2011 में टाटा भी कई अन्य विमान कंपनियों से बातचीत में थी।