राज्यसभा में बैठक दिनभर के लिए रोके जाने के बाद पीयूष गोयल नाम के एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि कांग्रेस और सरकार से असहमत अन्य दलों ने फैसला किया है कि वे नहीं चाहते कि संसद ठीक से चले। गुरुवार को राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक रुकी रही और जब दोबारा शुरू हुई तो मल्लिकार्जुन खड़गे नाम के विरोधी दल के नेता ने कहा कि वह सुबह से ही मणिपुर के मुद्दे पर बात करने के लिए कह रहे थे, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। बैठक का संचालन कर रहे धनखड़ ने विरोधी गुट के सदस्यों से ठीक से व्यवहार करने की बात कही। हालाँकि, वे नारे लगाते रहे, इसलिए उन्हें शेष दिन के लिए बैठक रोकनी पड़ी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों से बात की और कहा कि यह स्पष्ट है कि विपक्ष नहीं चाहता कि बैठक सुचारू रूप से चले। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल सरकार को मणिपुर में जो हुआ उस पर बात करने से रोक रहे हैं, जबकि सरकार ने कहा है कि वे इस पर बात करने को तैयार हैं। सरकार इस पर बात करना चाहती है, लेकिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल उन्हें रोक रहे हैं और नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। सरकार नहीं चाहती कि संसद चले। सुबह श्रद्धांजलि के बाद 12 बजे सदन बंद कर दिया गया और विपक्षी सदस्यों ने सभापति से सदन बंद करने के उनके अनुरोध पर विचार करने को कहा।
नौकरी नहीं होने की बात करने संबंधी पत्र भी मिले
चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें 12 पत्र मिले जिनमें थोड़े समय के लिए बात करने को कहा गया। सरकार ने यह भी कहा कि वे मणिपुर में क्या चल रहा है, इस पर बात करना चाहते हैं। चेयरमैन को ट्रेन सुरक्षा और लोगों के पास नौकरी नहीं होने की बात करने संबंधी पत्र भी मिले। उन्होंने कहा कि सरकार मणिपुर पर बात करने को तैयार है। जो लोग सरकार से सहमत नहीं हैं उनके नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीयूष गोयल की बात कही कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग सरकार से सहमत नहीं हैं, उन्होंने भी पत्र भेजा है। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ’ब्रायन एक राज्य में लोगों के विभिन्न समूहों के बीच लड़ाई और मणिपुर नामक दूसरे राज्य में क्या हो रहा है, के बारे में बात करना चाहते थे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर के हालात पर बात करनी चाहिए। लेकिन काफी शोर-शराबा होने पर बैठक प्रभारी ने इसे दोपहर दो बजे तक के लिए बंद करा दिया।