कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल आलू से बनी माला लेकर पहुंची संसद, सभापति ने नहीं दी इजाजत - Punjab Kesari
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कांग्रेस सांसद रजनी पाटिल आलू से बनी माला लेकर पहुंची संसद, सभापति ने नहीं दी इजाजत

सदन में कांग्रेस की रजनी पाटिल आलू से बनी माला लेकर पहुंचीं और वह उसे पहनकर अपनी बात

पिछले कई दिनों से संसद में महंगाई पर चर्चा हो रही है। ऐसे में कई अजब-गज़ब मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा नहीं है ये मामले अभी सामने आ रहे हैं, पिछलों कई दशकों से आते रहे हैं। इससे पहले भी एकबार टीएमसी सांसद काकोली घोष ने रसोई गैंस के बढ़ते दामों का विरोध करने के लिए संसद में कच्चा बैंगन खाया था।
महंगाई को लेकर रखना चाहती थी अपनी बात  
दरअसल, सदन में कांग्रेस की रजनी पाटिल आलू से बनी माला लेकर पहुंचीं और वह उसे पहनकर अपनी बात रखना चाहती थीं लेकिन सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी। पाटिल ने कहा कि महंगाई चरम पर है और देश की महिलाएं इसकी मार से सबसे अधिक त्रस्त और व्यथित हैं इसलिए उनके दुख व दर्द को साझा करने के लिए वह आलू से बनी माला लेकर आई थीं।
महंगाई की मार से जनता त्राहि त्राहि कर रही है
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार कह रही है कि सब चंगा सी, लेकिन महंगाई की मार से जनता त्राहि त्राहि कर रही है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में गरीबों के लिए दो रोटी भी नसीब नहीं हो रही है और ‘‘महंगाई डायन खाए जा रही है’’। आवश्यक खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों व फलों की कीमत में हुई वृद्धि का उल्लेख करते हुए पाटिल ने कहा कि दिल्ली में एक बार प्याज की कीमतें 50 रुपये के पार चली गई थीं तब से भाजपा आज तक वहां सत्ता में नहीं लौट पाई है।
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में देश में जब महंगाई और बेरोजगारी चरम पर हैं तो दही, आटा से लेकर अस्पताल के बिस्तरों और श्मशान घाट तक पर जीएसटी लगाया जाना ‘‘क्रूरता’’ है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह महंगाई पर नियंत्रण के लिए ठोस उपाय करे और आम आदमी को राहत दे। आम आमदी पार्टी के राघव चड्ढा ने कहा कि ‘‘पिपली लाइव’’ फिल्म का गीत ‘‘महंगाई डायन खाय जात है’’ आज सार्थक साबित हो रहा है।
 जीएसटी को ‘‘गरीब, शोषण टैक्स’’ करार दिया 
उन्होंने कहा कि महंगाई की सबसे अधिक मार देश के किसानों पर पड़ी है क्योंकि उसके उत्पादन के खर्च में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि उस अनुपात में उसकी आमदनी नहीं बढ़ी है। उन्होंने कहा कि महंगाई का असर शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक है। जीएसटी को ‘‘गरीब, शोषण टैक्स’’ करार देते हुए चड्ढा ने कहा कि महंगाई बढ़ने से सरकार का कर संग्रह बढ़ता है इसलिए महंगाई कम करने की उसकी मंशा ही नहीं है क्योंकि उसका खजाना भर रहा है।
केरल कांग्रेस (एम) के जोस के मणि ने कहा कि जिस प्रकार की महंगाई व्याप्त है, उससे भारत दूसरा श्रीलंका बनने की राह पर है। उन्होंने महंगाई पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।

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