संयुक्त आंध्र प्रदेश के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पोन्नाला लक्ष्मैया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को शुक्रवार को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने लिखा, भारी मन से मैं पार्टी से अलग हो रहा है, जहां मुझे लगता है कि मैं अब ऐसे अन्यायपूर्ण माहौल में नहीं रह सकता। मैं उन सभी का दिल से आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने पार्टी से संबंधित भूमिकाओं में मेरा समर्थन किया।
बीआरएस में शामिल होने को लेकर जानिए क्यों कयास लगाई जा रही है
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लक्ष्मैया अब भारत राष्ट्र समिति में शामिल हो सकते हैं, हालांकि आज आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी ऐसा कोई फैसला नहीं किया है। लक्ष्मैया ने लगभग चार दशकों तक कांग्रेस पार्टी में विभिन्न पदों का कार्यभार संभाला, और वह तेलंगाना राज्य के पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भी थे। उन्होंने बीआरएस के छोटे नेताओं को भी मान्यता देने और उन्हें सांसद, एमएलसी और निगम पद देने के लिए सत्तारूढ़ बीआरएस पार्टी की तारीफ की।
पार्टी छोड़ने के पीछे की ये थी वजह
लक्ष्मैया ने खड़गे को लिखे अपने पत्र में कहा कि पार्टी के भीतर राजनीतिक कलंह को लेकर बता कही की उन्हें 2015 में पीसीसी अध्यक्ष के पद से हटाना और 2014 में तेलंगाना में पार्टी की हार के लिए अनुचित दोष देना, हालांकि उस दौरान पार्टी को देशव्यापी झटका लगा था। उस पर गहरा प्रभाव डाला है, उन्होंने आगे अपने पत्र में नए लोगों के प्रति पार्टी के भीतर पक्षपात का उल्लेख किया है जबकि जो सदस्य लंबे समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं उन्हें उचित सम्मान और मान्यता नहीं दी जा रही है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेरे जैसे वरिष्ठ नेताओं को पार्टी की चिंताओं पर चर्चा करने के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ा और मैंने व्यक्तिगत रूप से एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने के लिए दिल्ली में दस दिनों तक इंतजार करने की निराशा का अनुभव किया है।