पूर्व संसद सदस्य और कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (ISRO) के संबंध में बीजेपी के साथ तर्क किया। उन्होंने पंडित नेहरू के योगदान को न पचा पाने के संकेत के रूप में बीजेपी को आलेखित निशाना बताया। आपको बता दें कि चंद्रयान-3 के चंद्र पर ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद, भारतीय स्पेस प्रोग्राम पर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच विचारधारा का टकराव देखा जा रहा है। कांग्रेस पंडित नेहरू की प्रेरणास्त्रोत के रूप में उनके योगदान का सम्मान करती है, जबकि बीजेपी का कहना है कि उनकी सरकार के बाद से स्पेस अनुसंधान में बड़ी प्रगति हुई है।
नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे – जयराम रमेश
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर ट्वीट करके कहा, “नेहरू वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देते थे। इसरो के निर्माण में उनके योगदान को जो नहीं पचा पा रहे हैं, वो TIFR (टाटा इंस्टीट्यूड ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) के शिलान्यास के दिन का उनका भाषण सुन लें।” उन्होंने इस बारे में और भी जानकारी दी
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने में सफल चंद्रयान-3
23 अगस्त को, इसरो के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ़्ट लैंडिंग कर इतिहास रचा। इससे भारत दुनिया का पहला देश बन गया जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने में सफल हुआ है, और यह चौथा देश बन गया है जिसने चांद पर सफल लैंडिंग की है।
ISRO के गठन के साथ भारतीय अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत
कांग्रेस ने इस महत्वपूर्ण कदम के बाद पंडित नेहरू के प्रयासों का स्मरण किया और उनके योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी। उन्होंने बताया कि इंडियन नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च (INCOSPAR) के गठन के साथ भारतीय अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत हुई थी, जिसका परिणाम पंडित नेहरू के उत्साही समर्थन का था।