कांग्रेस नेता अजय कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को लेकर बयान दिया है, जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमें मुर्मू को ‘आदिवासी का प्रतीक’ नहीं बनाना चाहिए। साथ ही उन्होंने NDA उम्मीदवार की विचारधारा पर भी सवाल उठाए हैं। अब उनके इस बयान को आधार बनाते हुए बीजेपी ने कांग्रेस को घेर लिया।
कांग्रेस नेता अजय कुमार ने कहा कि, ‘यह द्रौपदी मुर्मू के बारे में नहीं है। यशवंत सिन्हा अच्छे उम्मीदवार हैं और मुर्मू जी भी शालीन हैं। लेकिन वह भारत की बड़ी दुष्ट विचारधारा को दिखाती हैं। हमें उन्हें आदिवासी का प्रतीक नहीं बनाना चाहिए। हमारे पास राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं और हाथरस हो गया। क्या उन्होंने एक भी शब्द कहा? अनुसूचित जाति की स्थिति बदतर हो गई है।’
अजय कुमार के बयान पर भड़की BJP
अजय कुमार के इस बयान पर कांग्रेस को घेरते हुए बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि मुर्मू अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत इस जगह तक पहुंची हैं। पूनावाला ने पूछा कि अजय कुमार किस तरह की ‘इविल फिलॉसफी’ की बात कर रहे हैं?
What evil philosophy does Droupadi Murmu represent?
The fact that she rose up from grassroots by sheer hard work and commitment? That she broke barriers of socio economic circumstances & served as MLA, Minister & Jharkhand Governor in an effective manner?
Deplorable mindset !
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) July 13, 2022
बीजेपी प्रवक्ता ने अपने ट्वीट में कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी ने सभी हदें पार कर दी हैं, ये पूरे आदिवासी समाज, SC समाज का अपमान है। यह वही मानसिकता है जिसने आंबेडकर जी को दो बार चुनाव हराया, कई सालों तक उन्हें भारत रत्न नहीं दिया।’
आपको बता दें कि देश के नए राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है। इस चुनाव के लिए पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। सत्तारूढ़ बीजेपी नीत एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को मैदान में उतारा है।
खास बात है कि अगर मुर्मू राष्ट्रपति चुनाव जीत जाती हैं, तो वह देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। साल 2015 से 2021 तक वह झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं। उनका जन्म ओडिशा के मयूरभंज में हुआ था। इसके अलावा वह बीजेपी में साल 2002 से लेकर 2015 तक कई एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य समेत कई अहम पदों पर रह चुकी हैं।