कांग्रेस का BJP पर बड़ा आरोप , कहा - RBI को ध्वस्त करना चाहती है Modi सरकार - Punjab Kesari
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कांग्रेस का BJP पर बड़ा आरोप , कहा – RBI को ध्वस्त करना चाहती है Modi सरकार

कांग्रेस ने मंगलवार को मोदी सरकार पर भारतीय रिजर्व बैंक को ‘‘ध्वस्त’’ करने के प्रयास का आरोप लगाया

कांग्रेस ने मंगलवार को मोदी सरकार पर भारतीय रिजर्व बैंक को ‘‘ध्वस्त’’ करने के प्रयास का आरोप लगाया और कहा कि अगर रिजर्व बैंक 3.6 लाख करोड़ रुपये लेने की मोदी सरकार की कथित मांग मान लेता है तो यह अब तक की सबसे ‘‘बड़ी लूट’’ होगी। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह धनराशि 2019 संसदीय चुनावों से पहले ‘‘रेवड़ियां’’ बांटने के लिए मांगी जा रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस खबर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया, “प्रधानमंत्री को अपने विलक्षण आर्थिक ज्ञान के कारण फैली अव्यवस्था’’ को ठीक करने के लिये अब रिजर्व बैंक से 3.60 लाख करोड़ रुपये की बड़ी राशि की जरूरत पड़ गयी है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल से भी कहा है कि वह प्रधानमंत्री के समक्ष डट कर खड़े हों और ‘‘देश की रक्षा करें।’’ गांधी के आरोपों पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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कांग्रेस अध्यक्ष ने मीडिया में प्रकाशित खबर को पोस्ट कर उसके साथ ट्वीट किया है, “36,00,00,00,00,000 रुपये। यह वह राशि है जो प्रधानमंत्री को अपने विलक्षण आर्थिक ज्ञान से फैली अव्यवस्था को ठीक करने के लिए आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) से चाहिए। पटेल जी आप उनके सामने डट कर खड़े हों। देश को बचाएं।”

गांधी ने जिस खबर का हवाला दिया उसमें दावा किया गया है कि आरबीआई-सरकार के बीच गतिरोध वित्त मंत्रालय के उस प्रस्ताव को लेकर पैदा हुआ है जिसमें सरकार रिजर्व बैंक की बचत से 3.6 लाख करोड़ रुपये लेना चाहती है जो केंद्रीय बैंक की 9.59 लाख करोड़ रुपये की आरक्षित राशि के एक तिहाई से अधिक है।

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मांगे जा रही राशि का इस्तेमाल 2019 संसदीय चुनावों से पहले कथित रूप से ‘‘रेवड़ियां बांटने’’ में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत की वृहद आर्थिक स्थिरता पर इस तरह के कदम के ‘‘गंभीर’’ प्रभाव होंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस भारत की आर्थिक संप्रभुता को कमजोर करने के किसी भी प्रयास का प्रतिरोध करेगी और किसी को इस तरह का ‘‘दु:साहस’’ करने की छूट नहीं देगी।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सार्वजनिक रूप से जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार, सरकार चाहती है कि आरबीआई अपने 9.59 लाख करोड़ रुपये के आरक्षित कोष में से 3.6 लाख करोड़ रुपये उसे दे दे…’’ तिवारी ने कहा कि आरबीआई इसके सख्त विरोध में है और सरकार की यह मांग ‘‘अभूतपूर्व’’ है।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘अगर यह (प्रस्ताव) अंजाम पाता है तो यह ‘ग्रेट इंडियन रॉबरी’ होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत की वृहद आर्थिक स्थिरता पर इसका गहरा असर होगा…यह भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत आधार के लिए यह भी जरूरी है कि आरबीआई के पास किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध हो। और आज राजग/ भाजपा सरकार (निवेशकों के) इस विश्वास को , और इस प्रक्रिया में भारतीय रिजर्व बैंक को ध्वस्त करना चाहती है।’’

सरकार की मंशा के बारे में बात करते हुए तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार की इस चाल का कारण इस समय वित्त मंत्रालय के राजकोषीय घाटे और चालू खाते के घाटे में के आंकड़ों में खोजा जा सकता है जो दिनोंदिन बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘… राजकोषीय घाटा पाटने के लिए, सरकार ने आरबीआई के पास मौजूद धन पर निगाह गड़ानी शुरू कर दी है और ज्यादा चिंताजनक यह है कि वे संभवत: इस धन को 2019 चुनावों से पहले रेवड़ियां बांटने में इस्तेमाल करना चाहते हैं।’’

तिवारी ने कहा कि सरकार को अर्जेंटीना से सीखना चाहिए जहां केन्द्रीय बैंक से 6.6 अरब डॉलर से अधिक की धनराशि सरकार के खजाने में हस्तांतरित करने से गंभीर संवैधानिक संकट पैदा हो गया है और अर्जेंटीना 50 अरब डालर की राहत के लिए आईएमएफ (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के सामने हाथ फैलाए हुए है।

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