मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एफसीआरए पंजीकरण को नवीनीकृत करने से इनकार करने पर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार अपने बहुसंख्यकवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इसाइयों को निशाना बना रही है।
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर पर कहा, “मदर टेरेसा और उनकी मिशनरीज ऑफ चैरिटी अल्पसंख्यकों के खिलाफ मोदी सरकार के दोषपूर्ण, प्रतिशोधी और नफरत से प्रेरित एजेंडे की नयी शिकार हैं।”
Mother Teresa & her Missionaries of Charity are the latest victims of Modi Govt’s vicious, vengeful & hate driven agenda against minorities.
Haridwar to Calcutta – BJP & its hate mongers are creating fake bogies of communalism.
This is an affront to India’s Constitutionalism. pic.twitter.com/n4k2lKWVU4
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) December 28, 2021
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वर्ष 2021 समाप्त होने के साथ, यह स्पष्ट है कि मोदी सरकार ने “अपने बहुसंख्यकवादी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक और लक्ष्य-ईसाई-पा लिया है।” उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से कहा कि वह “अपने शेरलॉक होम्स सरीखे कौशल का उपयोग सांप्रदायिक हिंसा और आतंकवादी गतिविधियों को कुचलने के लिए करे न कि ईसाई दान-पुण्य और मानवीय कार्यों को दबाने के लिए।”
उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी में भविष्य के विदेशी योगदान को नकारने से ज्यादा चौंकाने वाला कुछ नहीं हो सकता। यह मदर टेरेसा की स्मृति का सबसे बड़ा अपमान है, जिन्होंने भारत के ‘गरीबों और दुखियों’ की देखभाल के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।”
सुरजेवाला ने बीजेपी पर ‘‘सांप्रदायिकता का फर्जीवाड़ा” फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हरिद्वार से कोलकाता-बीजेपी और उसके नफरत फैलाने वाले साम्प्रदायिकता के नकली दलदल बना रहे हैं। यह भारत के संविधानवाद का अपमान है।’’ कांग्रेस का यह बयान तब आया जब गृह मंत्रालय ने कहा कि उसने पात्रता शर्तों को पूरा नहीं करने के लिए मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एफसीआरए पंजीकरण को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि कुछ प्रतिकूल जानकारियां प्राप्त हुई थी।