Highlights :
- राज्यसभा में पास हुआ दिल्ली सेवा बिल
- CM केजरीवाल ने भाजपा और केंद्र सरकार पर लगाए आरोप
- ये दिल्ली के लोगों पर अत्याचार है – केजरीवाल
- दिल्ली के सीएम ने बिल को बताया सत्ता का दुरुपयोग
- ये बिल नहीं ‘खतरे की घंटी’ है – भगवंत मान
राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल पास होने के तुरंत बाद, आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दी है और इसकी शुरुआत दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने की। बिल पास होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीडियो जारी करते हुए कहा कि यह भारत के लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ है और भाजपा नीत केंद्र सरकार पर पिछले दरवाजे से सत्ता ‘हथियाने’ की कोशिश करने का आरोप लगाया।
राज्यसभा में पास हुआ दिल्ली सेवा बिल
आम आदमी पार्टी के प्रमुख ने भाजपा पर दिल्ली के लोगों की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया और दावा किया कि यह दिल्ली के लोगों के मताधिकार का ‘अपमान’ है। संसद ने सोमवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ विधेयक पारित कर दिया, जो दिल्ली सरकार में नौकरशाही पर केंद्र सरकार को नियंत्रण देता है। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 131 और विरोध में 102 वोट पड़े।
CM केजरीवाल ने भाजपा और केंद्र सरकार पर लगाए आरोप
गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि प्रस्तावित विधान का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रदान करना है।केजरीवाल ने एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की। उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली की जनता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक भी सीट नहीं देगी।
ये दिल्ली के लोगों पर अत्याचार है – केजरीवाल
केजरीवाल ने दावा किया कि भाजपा उनके और आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कामकाज का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है और इसलिए दिल्ली के लोगों पर ”अत्याचार” कर रही है।केजरीवाल ने कहा, “आज जो कानून पारित किया गया है, उसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार के श्रेणी ए से श्रेणी डी तक के सभी कर्मचारियों के स्थानांतरण और तैनाती की नीति केंद्र द्वारा बनाई जाएगी।”उन्होंने कहा, “ क्या अब प्रधानमंत्री तय करेंगे कि दिल्ली सरकार का एक चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी क्या काम करेगा? क्या यही प्रधानमंत्री का काम है?”
दिल्ली के सीएम ने बिल को बताया सत्ता का दुरुपयोग
केजरीवाल ने आप को समर्थन देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन सहित राजनीतिक दलों और नेताओं का भी धन्यवाद किया।खुद को ‘दिल्ली का बेटा’ बताते हुए केजरीवाल ने दावा किया कि लोग उन्हें पसंद करते हैं भले ही भाजपा नेता उनपर झगड़ने का आरोप लगाते हों।
विधेयक के पारित होने को ‘सत्ता का दुरुपयोग’ करार देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा, केंद्र सरकार में अपनी शक्तियों का इस्तेमाल देश के लोगों की सेवा करने के लिए नहीं, बल्कि उन पर अत्याचार करने के लिए कर रही है।’
केजरीवाल ने कहा, “ यह भारत के लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन है। यह विधेयक दिल्ली के लोगों को गुलाम बनाने के समान है।”
ये बिल नहीं ‘खतरे की घंटी’ है – भगवंत मान
वहीं, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि यह विधेयक देश के संघीय ढांचे के लिए ‘खतरे की घंटी’ है।चंडीगढ़ में आप के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मान ने कहा, ”आज राज्यसभा में लाया गया यह अध्यादेश (विधेयक) न केवल दिल्ली के लिए, बल्कि यह हमारे संघीय ढांचे के लिए भी खतरे की घंटी है।”
उन्होंने कहा, ”लोकतंत्र को बचाने के लिए जो भी जरूरी होगा, हम करेंगे।” मान ने कहा,’यह अकेले दिल्ली या अरविंद केजरीवाल की लड़ाई नहीं है। यह 140 करोड़ लोगों की लड़ाई है। देश के हितों से समझौता किये जाने का हम विरोध करेंगे। चाहे मणिपुर हो, या हरियाणा, जहां भी नफरत की राजनीति होगी, हम विरोध करेंगे।’