चीनी जालसाजों ने आपने ही देश में बैठे – बैठे ठगी करने का नया तरीका निकाल कर आपने बैंक अकाउंट भर रहे। दरअसल आज कल अगर आप देखें तो पता चलेगा की सबसे ज्यादा ठगी ऐप्स के जरिये हो रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की आईएफएसओ इकाई में इस साल जून में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोग तत्काल ऋण उपलब्ध कराने के बहाने कैश एडवांस चीनी ऋण ऐप के माध्यम से अवैध रूप से उनके मोबाइल डेटा तक पहुंच प्राप्त कर बड़े पैमाने पर जबरन वसूली और ब्लैकमेल कर रहे हैं। शिकायतकर्ता ने ‘कैश एडवांस’ ऐप से लोन लिया था, जिसे उसने समय पर चुका दिया। लेकिन लोन चुकाने के बाद उसे ‘कैश एडवांस’ के कर्मचारियों से व्हाट्सएप पर धमकी भरे कॉल और मैसेज आने लगे। पुलिस की बाद की जांच में इस ऐप के खिलाफ दिल्ली क्षेत्र से कुल 102 और पूरे भारत से 1,977 शिकायतें सामने आईं। घोटालेबाज ‘कैश एडवांस’ मोबाइल ऐप के माध्यम से कम ब्याज दरों पर अल्पकालिक ऋण की पेशकश करके काम करते थे। एक बार जब पीड़ित ऐप इंस्टॉल कर लेते थे तो गिरोह अवैध रूप से उनके व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच हासिल कर लेता था। डिजिटल माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने के बाद गिरोह ने उधारकर्ताओं द्वारा मूल राशि चुकाने के बाद भी ब्याज दरों में भारी वृद्धि की। पीड़ितों या उनके रिश्तेदारों से अधिक पैसे ऐंठने के लिए गिरोह ने धमकी देने वाली रणनीति का सहारा लिया, जिसमें उधारकर्ताओं की छेड़छाड़ की गई तस्वीरें साझा करना भी शामिल था।
पूरे देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं
गिरोह के सदस्यों ने फर्जी कंपनियां पंजीकृत कर उनके नाम पर बैंक खाते खोले थे जिनमें कुल करीब 350 करोड़ रुपये थे। इसमें से 83 करोड़ रुपये कमीशन काटने के बाद सूक्ष्म ऋण के रूप में वितरित किए गए थे। आरोपियों में से एक नितिन, जो पहले एक चीनी ऋण ऐप कंपनी के लिए काम कर चुका था, ऋण ऐप्स के संचालन और वसूली प्रक्रियाओं से परिचित था। यह अपनी तरह का अकेला साइबर अपराध नहीं है। पूरे देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें हाई-टेक चीनी साइबर अपराधियों द्वारा लोगों से बड़ी रकम की धोखाधड़ी की गई है।
पूरे देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं
गिरोह के सदस्यों ने फर्जी कंपनियां पंजीकृत कर उनके नाम पर बैंक खाते खोले थे जिनमें कुल करीब 350 करोड़ रुपये थे। इसमें से 83 करोड़ रुपये कमीशन काटने के बाद सूक्ष्म ऋण के रूप में वितरित किए गए थे। आरोपियों में से एक नितिन, जो पहले एक चीनी ऋण ऐप कंपनी के लिए काम कर चुका था, ऋण ऐप्स के संचालन और वसूली प्रक्रियाओं से परिचित था। यह अपनी तरह का अकेला साइबर अपराध नहीं है। पूरे देश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें हाई-टेक चीनी साइबर अपराधियों द्वारा लोगों से बड़ी रकम की धोखाधड़ी की गई है।